Vamana Jayanti 2025 Date: भगवान विष्णु के प्रमुख 10 अवतारों में वामन अवतार भी एक है। हर साल भाद्रपद मास में भगवान वामन की जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के मंदिरों में विशेष पूजा, उपासना करने की परंपरा है। जानें 2025 में कब है वामन जयंती?
Kab Hai Vamana Jayanti 2025: भगवान विष्णु ने समय-समय पर अनेक अवतार लिए। इन सभी अवतारों का वर्णन श्रीमद्भागवत पुराण में मिलता है। इन अवतारों में वामन अवतार भी एक है। जब दैत्यों के राजा बलि यज्ञ करके स्वर्ग पर अधिकार करना चाहते थे तभी भगवान वामन ने उनसे 3 पग भूमि दान में मांगकर तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान वामन की जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के मंदिरों में विशेष पूजा, आरती करने की परंपरा है। जानिए साल 2025 में कब है वामन अवतार जयंती…
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कब है वामन जयंती 2025?
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 04 सितंबर, गुरुवार की सुबह 04 बजकर 22 मिनट से शुरू होगी जो 06 सितंबर की सुबह 04 बजकर 08 मिनिट तक रहेगी। चूंकि 4 सितंबर को पूरे दिन द्वादशी तिथि रहेगी, इसलिए इसी दिन वामन जयंती का पर्व मनाया जाएगा।
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वामन जयंती 2025 शुभ मुहूर्त
सुबह 10:52 से दोपहर 12:25 तक
दोपहर 12:01 से 12:50 तक (अभिजीत मुहूर्त)
दोपहर 12:25 से 01:58 तक
दोपहर 01:58 से 03:31 तक
वामन जयंती पर कैसे करें पूजा?
- वामन जयंती की सुबह यानी 4 सितंबर को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- शुभ मुहूर्त में भगवान वामन की तस्वीर या मूर्ति घर में किसी साफ स्थान पर लकड़ी के बाजोट पर स्थापित करें।
- सबसे पहले भगवान वामन को कुमकुम से तिलक लगाएं, फूलों की माला पहनाएं और शुद्ध घी का दीपक लगाएं।
- इसके बाद जनेऊ, फूल, अबीर, गुलाल, रोली, चावल, नारियल आदि चीजें एक-एक करके अर्पित करते रहें।
- पूजा करते समय ऊं नमो भगवते दधिवामनाय मंत्र का मन ही मन में जाप करते रहें। भगवान को भोग लगाएं।
- इस तरह भगवान वामन की पूजा करने के बाद आरती करें। आरती के बाद भगवान वामन की कथा सुनें।
- इस दिन चावल, दही और मिश्री दान करने की परंपरा है। अपनी इच्छा से अन्य चीजें भी जरूरतमंदों को दान करें।
- दिन भर व्रत के नियमों का पालन करें। यानी झूठ न बोलें, किसी पर क्रोध न करें, गलत विचार मन में लाएं।
- शाम को पुन: एक बार भगवान वामन की पूजा करें और प्रसाद खाकर अपना व्रत पूर्ण करें। इसका बाद सात्विक भोजन करें।
- इस तरह जो व्यक्ति वामन जयंती पर पूजन-व्रत करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।