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6 सितंबर को करें हरतालिका तीज व्रत, जानें पूजा विधि-मंत्र और मुहूर्त की डिटेल

Kab hai Hartalika Teej 2024: हिंदू धर्म में महिलाओं से संबंधित अनेक व्रत किए जाते हैं, हरतालिका तीज भी इनमें से एक है। इस बार ये व्रत सितंबर 2024 में किया जाएगा। इस व्रत की विधि बहुत ही कठिन है। 

Manish Meharele | Updated : Sep 06 2024, 08:19 AM
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क्यों करते हैं हरतालिका तीज व्रत?
Image Credit : adobe stock

क्यों करते हैं हरतालिका तीज व्रत?

Hartalika Teej 2024 Details: धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। महिलाओं को इस व्रत का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन विवाहित महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि के लिए ये व्रत करती है और कुंवारी लड़कियां मनचाहे पति के लिए। इस व्रत के दौरान कुछ खाने-पीने की मनाही होती है। महिलाएं जागकर शिवजी की पूजा करती हैं। जानें इस बार कब है हरतालिका तीज व्रत, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त आदि डिटेल…

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कब है हरतालिका तीज 2024?
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कब है हरतालिका तीज 2024?

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 05 सितंबर, गुरुवार की दोपहर 12 बजकर 21 मिनिट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 06 सितंबर, शुक्रवार की दोपहर 03 बजकर 01 मिनिट तक रहेगी। चूंकि तृतीया तिथि का सूर्योदय 6 सितंबर, शुक्रवार को होगा, इसलिए इसी दिन ये व्रत किया जाएगा।

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हरतालिका तीज 2024 शुभ योग (Hartalika Teej 2024 Shubh Yog)
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हरतालिका तीज 2024 शुभ योग (Hartalika Teej 2024 Shubh Yog)

इस बार हरतालिका तीज पर ग्रह-नक्षत्र की स्थिति से कईं शुभ योग बन रहे हैं जिसके चलते ये व्रत और भी खास हो गया है। 6 सितंबर, शुक्रवार को, रवि, शुक्ल और ब्रह्म योग के साथ-साथ अमृत नाम का शुभ योग भी सुबह कुछ देर के लिए बनेगा। इतने सारे शुभ योगों में किया गया ये व्रत बहुत शुभ फल देने वाला रहेगा।

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हरतालिका तीज 2024 पूजा मुहूर्त (Hartalika Teej 2024 Shubh Muhurat)
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हरतालिका तीज 2024 पूजा मुहूर्त (Hartalika Teej 2024 Shubh Muhurat)

प्रात:काल पूजा मुहूर्त- सुबह 06.02 से 08.33 तक
शाम का पूजा मुहूर्त- शाम 06.23 से 06.47 तक

रात के चारों पहर के मुहूर्त
पहले पहर की पूजा- शाम 06.25 से रात 09.04
दूसरे पहर की पूजा- रात 09.04 से 12.17 तक
तीसरे पहर की पूजा- रात 12.17 से 03.14 तक
चौथे पहर की पूजा- रात 03.14 से सुबह 06.10 तक

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हरतालिका तीज पूजा-व्रत विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)
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हरतालिका तीज पूजा-व्रत विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)

- हरतालिका तीज व्रत के एक दिन पहले यानी 5 सितंबर, गुरुवार की रात सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- अगले दिन 6 सितंबर, शुक्रवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और हाथ में जल-चावल देकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- हरतालिका तीज व्रत में कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है। बहुत जरूरी हो तो बहुत थोड़ा पानी पी सकते हैं
- इस दिन संयमपूर्वक रहें। क्रोध न करें, गलत विचार मन में न लाएं। मन ही मन शिव-पार्वती का नाम स्मरण करते रहें।
- शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर भगवान शिव, देवी पार्वती, श्रीगणेश और रिद्धि-सिद्धि की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- हरतालिका तीज की पूजा में पहले श्रीगणेश की पूजा पत्नियों सहित करें। इसके बाद शिव-पार्वती की पूजा शुरू करें।
- पूजा में शिव-पार्वती को अबीर, गुलाल, रोली, पेड़ों की पत्तियां, बेल पत्र, फल, धतूरा आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं।
- शिवजी को सफेद और देवी पार्वती को लाल वस्त्र अर्पित करें। फूलों की माला पहनाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें- ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:।
- देवी पार्वती की पूजा करते समय ये मंत्र बोलें- ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:।
- हरतालिका व्रत में रात में 4 बार शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। महिलाएं रात भर जागरण कर व्रत की कथा सुनें और भजन-कीर्तन करें।
- रात के चौथे पहर की पूजा के बाद व्रत संपन्न करें। व्रत पूरा होने के बाद पहले प्रसाद खाएं और इसके बाद भोजन आदि करें।

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ये है हरतालिका तीज की कथा (Hartalika Teej Ki Katha)
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ये है हरतालिका तीज की कथा (Hartalika Teej Ki Katha)

- सती रूप में आत्मदाह करने के बाद देवी शक्ति का जन्म पार्वती के रूप में पर्वतों के राजा हिमालय के यहां हुआ।
- बचपन से ही देवी पार्वती का भगवान शंकर के प्रति प्रेम रहा। वे निरंतर भगवान शिव का ही चिंतन करती थीं।
- युवा होने पर देवी पार्वती ने शिवजी को पति रूप में पाने की इच्छा की। उन्होंने ये बात अपनी सखियों को भी बताई।
- तब देवी पार्वती की सखियां उन्हें जंगल ले गई। यहां देवी पार्वती ने मिट्टी का शिवलिंग बनाकर कठोर तपस्या की।
- प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि वे ही पत्नी रूप में देवी पार्वती का वरण करेंगे।
- उसी तपस्या के रूप में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत किया जाता है।
- मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से मनचाहा पति मिलता है और वैवाहिक जीवन सुखी बना रहता है।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

Manish Meharele
About the Author
Manish Meharele
यह जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक हैं और पिछले 19 वर्षों से मीडिया में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की। वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे हैं और 2010 से 2019 तक दैनिक भास्कर.कॉम में धर्म डेस्क पर भी काम किया है। उन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। Read More...
 
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