Bail Pola 2025 Date: हमारे देश में पशुओं से संबंधित भी अनेक तीज-त्योहार मनाए जाते हैं। बैल पोला भी इनमें से एक है। ये त्योहार महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ आदि स्थानों पर मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस दिन बैलों की पूजा मुख्य रूप से की जाती है।
Kab Hai Bail Pola 2025: हर साल भाद्रपद मास की अमावस्या पर बैल पोला का पर्व मनाया जाता है। नाम से ही पता चलता है कि ये पर्व बैलों से जुड़ा है। वैसे तो ये पर्व देश के अनेक हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा रौनक महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में देखने को मिलती है। महाराष्ट्र के विदर्भ में इसे मोठा पोला और कुछ स्थानों पर तान्हा पोला कहा जाता है। जानें 2025 में कब है बैल पोला?
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कब है बैल पोला 2025?
बैल पोला का पर्व भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 22 अगस्त, शुक्रवार की सुबह 11 बजकर 55 मिनिट से 23 अगस्त, शनिवार की सुबह 11 बजकर 35 मिनिट तक रहेगी। 2 दिन अमावस्या तिथि होने से कुछ स्थानों पर ये पर्व 22 अगस्त को कुछ स्थानों पर 23 अगस्त को मनाया जाएगा।
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कैसे मनाते हैं बैल पोला उत्सव?
बैल पोला के दिन किसान अपने बैलों से काम नहीं करवाते बल्कि इन्हें खुला छोड़ देते हैं। इनके गले से रस्सी भी निकाल दी जाती है। किसान अपने बैलों की तेल से मालिश कहते हैं और नहालकर रंग-बिरंगे कपड़ों से इन्हें सजाते हैं। हार पहनाकर इनकी पूजा भी की जाती है। इस दिन बैलों को खास तौर पर बनाई गई बाजरे की खिचड़ी खिलाई जाती है। किसान एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं और बैलों का जुलूस निकालते हैं। इस दिन घरों में खान व्यंजन बनाने की परंपरा भी है।
क्यों मनाते हैं बैल पोला?
बैल पोला से जुड़ी एक कथा है, उसके अनुसार, ‘भगवान श्रीकृष्ण जब गोकुल में रहते थे तो उन्हें मारने के लिए एक दिन कंस ने एक भयानक राक्षस को भेजा। उस राक्षस का नाम पोलासुर था। श्रीकृष्ण को मारने के लिए पोलासुर ने बैल का रूप ले लिया और पशुओं के बीच में जाकर छिप गया। लेकिन कान्हा ने उस राक्षस को पहचान लिया और मौका मिलते ही उसका वध कर दिया। तभी से बैल पोला का पर्व मनाया जा रहा है।
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