Janmashtami Vrat Niyam: जन्माष्टमी का त्योहार 16 अगस्त के दिन मनाया जाने वाला है। कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं और लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं। जो लोग पहली बार यह व्रत रखने जा रहे हैं, वे जानें इसकी विधि और नियम।
Janmashtami Vrat: भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात को 12 बजे भगवान श्री कृष्णा का जन्म हुआ था। इसके बाद से ही जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से हर जगह मनाया जाने लगा है। 16 अगस्त के दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं ताकि लड्डू गोपाल की कृपा उन पर हमेशा बनी रहें। हिंदू धर्म में पाठ-पूजा और व्रत के अपने कुछ नियम होते हैं, जिन्हें फॉलो करना बहुत जरूरी होता है, ताकि भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त हो सकें। वहीं, कई चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें जन्माष्टमी वाले दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
क्या जन्माष्टमी व्रत की विधि
जन्माष्मी वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। फिर भगवान श्री कृष्णा को प्रणाम करके। फिर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें। पूरे दिन श्री कृष्ण के साथ-साथ राधा रानी के नाम का जप करें। दिन में आप चाहे तो फल खा सकते हैं। रात को 12 बजे की पूजा से पहले फिर से स्नान करें साफ कपड़े पहने और विधि पूर्वक कान्हा जी की पूजा करें। उनकी आरती उतारकर भोग लगाएं। फिर अपना व्रत खोले।
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जन्माष्टमी व्रत के खास नियम
- जन्माष्टमी वाले दिन आपको ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- व्रत वाले दिन अन्न ग्रहण नहीं करें।
- जन्माष्टमी वाले दिन रात को 12 बजे के बाद या फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद अपना व्रत खोलें।
- भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में दर्शन करने के लिए जरूर जाएं।
- भगवान श्री कृष्ण की सुबह और रात दोनों टाइम पूजा करें।
- जो भोग आप कान्हा जी को लगाएं उसे व्रत खोलते वक्त ग्रहण करें।
- व्रत रखने वाले दिन में भूलकर भी न सोए।
- किसी को अपशब्द न बोले और किसी के बारे में बुरा न सोचें।
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क्या है जन्माष्टमी का महत्व?
धर्म शास्त्रों की माने तो जन्माष्टमी वाले दिन भगवान विष्णु ने धरती पर श्री कृष्ण के अवतार में जन्म लिया था। तभी से इस दिन को धूमधाम के साथ जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोग भी इस दिन लड्डू गोपाल की सेवा करते हैं तो उन्हें लाभ प्राप्त होता है।
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"इस लेख में दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना के लिए है। एशियानेट हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।"