Lakshmi Ganesh Puja 2025: दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा की सही विधि क्या है? पूजा के लिए किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है, पूजा कब करनी चाहिए और घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य लाने के लिए किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
Diwali Puja Muhurat: प्रकाश और उल्लास का पर्व दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को पड़ता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटे थे, तो अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से यह त्योहार दिवाली, दीपों के पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह न केवल प्रकाश का पर्व है, बल्कि प्रेम, आनंद और नई शुरुआत का भी प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह दिन सभी के जीवन में नई आशा, सकारात्मक ऊर्जा और प्रकाश लेकर आता है। इसलिए इस दिन धन की देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा घरों और मंदिरों में विधि-विधान से की जाती है। इससे घर में सुख, समृद्धि, सौभाग्य, प्रेम और यश की प्राप्ति होती है। हालांकि, पूजा का पूरा लाभ सुनिश्चित करने के लिए लक्ष्मी पूजा हमेशा पूरे विधि-विधान से की जानी चाहिए। ऐसे में आइए जानें लक्ष्मी पूजा की विधि और महत्व।
दिवाली 2025
- कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे शुरू होगी।
- तिथि अगले दिन यानी 21 अक्टूबर को शाम 5:54 बजे समाप्त होगी।
- दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर, 2025 को मान्य होगा।

दिवाली पूजा मुहूर्त
इस बार दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक रहेगा। निशिता काल मुहूर्त रात 11:41 बजे से रात 12:31 बजे तक रहेगा।
दिवाली प्रदोष काल
ज्योतिषियों के अनुसार, दिवाली, 20 अक्टूबर, 2025 को प्रदोष काल शाम 5:36 बजे से रात 8:07 बजे तक रहेगा। इसमें सुबह 6:59 बजे से 8:56 बजे तक स्थिर लग्न वृषभ रहेगा।
पूजन सामग्री
- पूजा के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां और पवित्र धागे अवश्य रखें।
- देवताओं के लिए वस्त्र और शहद शामिल करें।
- गंगाजल, फूल, माला, सिंदूर और पंचामृत।
- मिठाई, इत्र, एक चौकी और लाल कपड़े से भरा कलश।
- शंख, आसन, थाली, चांदी का सिक्का।
- कमल का फूल और हवन कुंड।
- हवन सामग्री, आम के पत्ते और प्रसाद।
- रोली, कुमकुम, चावल और पान के पत्ते।
- सुपारी, नारियल और मिट्टी के दीपक के साथ रूई भी शामिल करें।

लक्ष्मी पूजा विधि
- लक्ष्मी पूजा से पहले घर की साफ़-सफ़ाई का विशेष महत्व है, इसलिए हर जगह गंगाजल छिड़कें।
- घर के मुख्य द्वार पर रंगोली और तोरण बनाएं।
- देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए सबसे पहले एक साफ़ चौकी पर एक नया लाल कपड़ा बिछाएं।
- अब लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को चौकी पर रखें और सजावटी वस्तुओं से सजाएं।
- देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों को वस्त्र पहनाएं और इस दौरान देवी को दुपट्टा अवश्य अर्पित करें।
- अब एक साफ बर्तन में जल भरकर चौकी के पास रखें।
- प्रथम पूज्य देवता का नाम लें और देवताओं को तिलक लगाएं।
- लक्ष्मी-गणेश को फूलों की माला पहनाएं और देवी को ताजे फूल अर्पित करें। इस दौरान कमल का फूल चढ़ाना न भूलें।
- अब प्रसाद के साथ चावल, चांदी का सिक्का, फल और मिठाई भी चढ़ाएं।
- यदि आपने कोई वस्तु, सोना-चांदी खरीदी है, तो उसे देवी लक्ष्मी के पास रखें।
- शुद्ध घी का दीपक जलाएं और घर के किसी कोने में कम से कम 21 दीपक जलाएं।
- अब भगवान गणेश की आरती करें और गणेश चालीसा का पाठ करें।
- देवी लक्ष्मी की आरती और मंत्रों का जाप करें।
- अब घर के सभी कोनों में दीपक जलाएं और देवी मां की पूजा में इस्तेमाल किए गए फूलों को तिजोरी में रखें।
- अंत में सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा याचना करें।
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दिवाली लक्ष्मी पूजा मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः
ॐ श्रीं लक्ष्मी महालक्ष्मी, अतः मेरे शरीर पर समस्त सौभाग्य की वर्षा हो।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्मधिपाय च। भगवान तत्वप्रसादेन धनधान्यदिसम्पदः
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दिवाली 2025 कैलेंडर
- धनतेरस- 18 अक्टूबर 2025, शनिवार
- छोटी दिवाली - 19 अक्टूबर 2025, रविवार
- दिवाली- 20 अक्टूबर 2025, सोमवार
- गोवर्धन पूजा- 22 अक्टूबर 2025, बुधवार
- भाईदूज- 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार
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