Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी व्रत का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। ये व्रत आषाढ़ मास में किया जाता है। इस एकादशी से जुड़ी कईं विशेष मान्यताएं हैं। जानें कब है देवशयनी एकादशी 2025?
Devshayani Ekadashi 2025 Kab Hai: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन से अगले 4 महीनों के लिए भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम के लिए चले जाते हैं। इसलिए इन 4 महीनों में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते। इस बार देवशयनी एकादशी व्रत जुलाई 2025 में किया जाएगा। आगे जानिए कब करें देवशयनी एकादशी व्रत, शुभ मुहूर्त, पूज विधि की डिटेल…
Devshayani Ekadashi 2024 Details: धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक साल में 24 एकादशी आती है, लेकिन इन सभी में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है। ये एकदशी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इस बार देवशयनी एकादशी का व्रत जुलाई 2024 में किया जाएगा। इस दिन कईं शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। आगे जानिए इस बार कब है देवशयनी एकादशी, साथ ही पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त की डिटेल…
कब है देवशयनी एकादशी 2025? (Devshayani Ekadashi 2025 Date)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि 5 जुलाई, शनिवार की शाम 06:59 से शुरू होगी जो 06 जुलाई, रविवार की रात 09:15 तक रहेगी। उदया तिथि के हिसाब से देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई, रविवार को किया जाएगा।
देवशयनी एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त (Devshayani Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
सुबह 07:30 से 09:11 तक
सुबह 09:11 से 10:51 तक
दोपहर 12:04 से 12:58 तक
दोपहर 02:11 से 03:52 तक
देवशयनी एकादशी व्रत-पूजा विधि (Devshayani Ekadashi Vrat-Puja Vidhi)
- 5 जुलाई, शनिवार यानी देवशयनी एकादशी से एक दिन पहले सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें। 6 जुलाई, रविवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- दिन भर व्रत के नियमों का पालन करें यानी झूठ न बोलें, किसी पर क्रोध न करें। भोजन भी न करें। अगर भोजन की आवश्यकता हो तो दूध या फलाहार कर सकते हैं। पूजा की पूरी तैयार कर लें।
- भगवान को कुमकुम से तिलक करें, फूलों की माला पहनाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद भगवान को अबीर, गुलाल, चावल, फूल, रोली आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें।
- पूजा करते समय ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। भगवान को भोग लगाएं और आरती करें। देवशयनी एकादशी की कथा सुनें। संभव को हो तो मंत्र जाप भी कर सकते हैं।
- रात को सोए नहीं, भजन-कीर्तन करें। 7 जुलाई, सोमवार को व्रत का पारणा करें, जरूरतमंदों को दान करने के बाद स्वयं भोजन करें। देवशयनी एकादशी व्रत से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
भगवान विष्णु की आरती (Lord Vishnu Aarti Lyrics In Hindi)
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।