सार

Chaiti Chhath 2025 Date: लोकआस्था का महापर्व छठ पूजा बिहार समेत देश और विदेशों में भी मनाया जाता है। चैती छठ 2025 कब से शुरू है? जानिए नहाय खाय से लेकर पारण तक, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की पूरी जानकारी यहां डिटेल में।

Chaiti Chhath Puja Date 2025: लोकआस्था का महापर्व छठ पूजा हर साल चैत्र और कार्तिक मास में दो बार मनाया जाता है। चैत्र महीने की छठ पूजा को ‘चैती छठ’ या ‘यमुना छठ’ कहा जाता है। इस पावन अवसर पर सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस दौरान व्रती 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास रखते हैं और डूबते एवं उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करते हैं। जानिए इस बार चैती छठ 2025 कब से शुरू है? नहाय खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और छठ पारण तक, पूरी डिटेल।

चैती छठ 2025: कब है नहाय-खाय? (Chaiti Chhath Puja 2025 Nahay Khay Date in Bihar)

चैती छठ 2025 नहाय-खाय 1 अप्रैल को है। छठ पूजा की शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से होती है। इस दिन व्रतधारी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। अरवा चावल, लौकी की सब्जी और चने की दाल का प्रसाद बनाया जाता है, जिसे ग्रहण कर व्रती उपवास का संकल्प लेते हैं।

चैती छठ 2025: खरना कब है? (Chaiti Chhath Puja  Kharna Date)

चैती छठ खरना 2 अप्रैल 2025 को है। इस दिन सूर्यास्त के बाद विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसमें गुड़ की खीर, रोटी और फल शामिल होते हैं। व्रती दिनभर उपवास रखने के बाद शाम को यह प्रसाद ग्रहण करते हैं और फिर 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ होता है।

चैती छठ 2025: संध्या अर्घ्य का समय (Chaiti Chhath Puja Sandhya Arghya Date and Time)

चैती छठ संध्या अर्घ्य 3 अप्रैल 2025 को है। यह छठ पूजा का सबसे प्रमुख दिन होता है जब डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। संध्या अर्घ्य का शुभ मुहूर्त शाम 6:40 बजे है। इस दिन छठ घाटों पर विशेष पूजा की जाती है, जहां व्रती जल में खड़े होकर सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं।

चैती छठ 2025: सुबह अर्घ्य का समय, पारण (Chaiti Chhath Puja Paran)

चैती छठ सुबह अर्घ्य 4 अप्रैल 2025 को है। सप्तमी तिथि पर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सुबह अर्घ्य का शुभ मुहूर्त सुबह 6:08 बजे है। इसके बाद छठ व्रत का पारण (समापन) किया जाता है और भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं।

चैती छठ का महत्व और मान्यता (Chaiti Chhath Puja Importance and Belief)

सूर्य देव की उपासना से रोगों का नाश: छठ पूजा लोकआस्था का महापर्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान की जाने वाली सूर्य साधना से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा प्राप्त होती है। इसे वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी माना गया है।

परिवार और संतान सुख की प्राप्ति: छठी मैया को संतान सुख देने वाली देवी माना जाता है। छठ पूजा करने से संतान से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

आध्यात्मिक और प्राकृतिक संतुलन: यह पर्व नदी, जल और प्रकृति से सीधा जुड़ा हुआ है। इससे मनुष्य का प्रकृति के साथ संतुलन बना रहता है।

निरोगी जीवन का वरदान: 36 घंटे का निर्जला उपवास शरीर को डिटॉक्स करता है और स्वास्थ्य लाभ देता है।

छठ पूजा कहां-कहां मनाई जाती है?

छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मनाई जाती है। दिल्ली, मुंबई, पंजाब, छत्तीसगढ़, नेपाल और अन्य राज्यों में भी छठ पूजा के दौरान विशेष आयोजन होते हैं।

छठ पूजा की विधि (Chaiti Chhath Puja Vidhi)

  • छठ घाट या घर की छत पर पूजा स्थल तैयार करें।
  • बांस की टोकरी में ठेकुआ, फल, नारियल और गन्ने का प्रसाद रखें।
  • डूबते और उगते सूर्य को जल चढ़ाएं और छठी मैया की आराधना करें।
  • छठ व्रत की कथा सुनें और प्रसाद ग्रहण कर व्रत पूर्ण करें।