सार

अयोध्या में बन रहा ऐतिहासिक भवगान श्री राम के मंदिर का गर्भगृह राजस्थान के नागौर में तैयार हो रहा है। जिसे एक मुस्लिम कारीगिर बना रहे हैं। गर्भगृह के लिए मकराना के संगमरमर पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसकी खासियत यह है कि ये कभी भी पीला नहीं पड़ता है।

जयपुर. कई सालों तक चली लड़ाई के बाद अयोध्या में आखिरकार राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। जिसका काम लगभग 50% से ज्यादा पूरा हो चुका है। क्या आप जानते हैं कि मंदिर के मुख्य हिस्से रामलला के गर्भ गृह का निर्माण राजस्थान में ही हो रहा है। इसका निर्माण करने वाले कारीगर खुद एक मुस्लिम है। जिनकी तीन फैक्ट्रियों में यह पूरा काम हो रहा है। रमजान के आर्किटेक्ट जियाउल उस्मानी इसका पूरा जिम्मा संभाले हुए हैं। रमजान के मुताबिक गर्भगृह तीन मंजिल का होगा। फिलहाल यहां राम के सिंहासन की डिजाइन बनाई जा रही है। सिंहासन के लिए मार्बल की बैटर क्वालिटी भी तलाशी जा रही है। इसके बाद इस मार्बल पर सोने चांदी की परतें भी चढ़ाई जाएगी।

 पूरे गर्भगृह में करीब 15000 फीट मार्बल लगेगा
राम मंदिर का पूरा गर्भगृह करीब 440 वर्ग फीट में बनेगा। इसकी ऊंचाई करीब 16 सीट होगी। सबसे ऊपर कलश स्थापित होगा। पूरा गर्भ ग्रह सफेद मार्बल से ही बनेगा। जिस जगह राम लला विरांजेंगे वहां भगवान राम की विशाल मूर्ति भी लगाई जाएगी। यहां की दीवारें भी करीब 3 फीट तक ऊंची होगी। हर मंजिल पर 8- 8 दरवाजे भी लगाए जाएंगे। पूरे गर्भगृह में करीब 15000 फीट मार्बल लगेगा। जिसके लिए अब तक 7000 से ज्यादा रामलीला की नगरी अयोध्या भेजा जा चुका है।

जानिए इस मार्बल की सबसे बड़ी खासियत
आपको बता दें कि राजस्थान के नागौर जिले के मकराना इलाके में मार्बल पत्थर के बड़े बड़े पहाड़ है। यहां का मार्बल ताजमहल और कोलकाता के विक्टोरिया पैलेस के निर्माण में भी काम में लिया गया है। यही कारण है कि राम मंदिर के लिए भी यही सही बैटर क्वालिटी का मार्बल चुना गया है। इस मार्बल में करीब 99% तक के कैल्शियम होता है। ऐसे में यह कितना ही पुराना क्यों ना हो जाए पीला नहीं पड़ता है।