सार
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय खिलाड़ियों ने झंडा गाड़ दिया है। गुरुवार को पुरुषों की हैवीवेट पैरा पावरलिफ्टिंग स्पर्धा में सुधीर ने स्वर्ण पदक जीता। जबकि मुरली श्रीशंकर ने पुरुषों की लंबी कूद स्पर्धा में रजत पदक जीतकर भारत को एथलेटिक्स में दूसरा पदक दिलाया।
बर्मिंघम. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022(Common wealth Games) में गुरुवार का दिन भारत के लिए 'गोल्डन' रहा। सुधीर ने पुरुषों की हैवीवेट पैरा पावरलिफ्टिंग स्पर्धा(men's heavyweight para powerlifting) में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा मुरली श्रीशंकर ने पुरुषों की लंबी कूद स्पर्धा( long jump event) में रजत पदक जीतकर भारत को एथलेटिक्स में दूसरा पदक दिलाया। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दोनों खिलाड़ियों को बधाई दी है।
पैरा स्पोर्ट्स में खाता खुला
एशियाई पैरा खेलों के कांस्य पदक विजेता सुधीर ने अपने पहले प्रयास में 208 किग्रा भार उठाकर इसे बढ़ाकर 212 किग्रा कर दिया। पोलियो के प्रभाव से दिव्यांग 27 वर्षीय सुधीर ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का पैरा स्पोर्ट्स मेडल खाता खोला। इससे पहले 2014 में पावरलिफ्टर सकिना खातून ने कांस्य पदक अपने नाम किया था।
इकेचुकु क्रिस्टियन ओबिचुकु ने 133.6 अंकों के साथ रजत( silver) पदक जीता, जबकि मिकी यूल ने 130.9 अंकों के साथ कांस्य पदक(bronze) जीता। सुधीर ने जून में दक्षिण कोरिया में विश्व पैरा पावरलिफ्टिंग एशिया-ओशिनिया ओपन चैंपियनशिप में 214 किग्रा की सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट के साथ पुरुषों के 88 किग्रा में कांस्य पदक जीता था। सोनीपत में 2013 में पावरलिफ्टिंग शुरू करने वाले सुधीर ने हांग्जो 2022 एशियाई पैरा खेलों(Hangzhou 2022 Asian Para Games) के लिए भी क्वालीफाई किया है, हालांकि जिसे अगले साल के लिए टाल दिया गया है।
भारत को एथलेटिक्स में दूसरा पदक
मुरली श्रीशंकर ने पुरुषों की लंबी कूद स्पर्धा में रजत पदक जीतकर भारत को एथलेटिक्स में दूसरा पदक दिलाया। 23 वर्षीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ने पुरुषों की लंबी कूद के फाइनल में बहामास के लाखन नायर के बाद दूसरे स्थान पर रहने के अपने पांचवें प्रयास में 8.08 मीटर की छलांग लगाई। नायर ने भी 8.08 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाई थी, लेकिन उनका दूसरा सर्वश्रेष्ठ 7.98 मीटर श्रीशंकर के 7.84 मीटर से बेहतर था। नियमों के तहत यदि दो कूदने वालों की दूरी समान होती है। बेहतर दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने वाले को आगे स्थान दिया जाता है। दक्षिण अफ्रीका के जोवन वैन वुरेन (8.06 मीटर) ने कांस्य पदक जीता। दूसरे भारतीय मोहम्मद अनीस याहिया 7.97 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ पांचवें स्थान पर रहे। श्रीशंकर राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष लॉन्ग जम्पर बने। सुरेश बाबू ने 1978 के संस्करण में कांस्य पदक जीता था। महिलाओं में प्रजुषा मलियाक्कल ने दिल्ली में 2010 संस्करण में रजत पदक जीता, जबकि दिग्गज अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2002 में कांस्य पदक जीता।
श्रीशंकर अपने सत्र और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 8.36 मीटर के आधार पर स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार के रूप में राष्ट्रमंडल खेलों में गए थे, जिसने उन्हें इस सत्र में विश्व में संयुक्त रूप से दूसरी रैंकिंग में ला खड़ा किया था। बुधवार को तेजस्विन शंकर ने पुरुषों की ऊंची कूद में कांस्य पदक जीतकर इस राष्ट्रमंडल खेलों में एथलेटिक्स में भारत का पदक खाता खोला था। यह एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता और एक बहु-खेल आयोजन में श्रीशंकर का पहला पदक था। इससे पहले, उन्होंने जापान के गिफू में 2018 एशियाई अंडर -20 चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। सुधीर ने कहा-मैं उत्साहित हूं। थोड़ा निराश हूं कि मैं गोल्ड नहीं जीत पाया लेकिन खुश हूं कि मैंने देश के लिए सिल्वर जीता। मैं यह पदक पिता, हमारे खेल मंत्रालय सहित मेरे साथ खड़े थे उन सभी को समर्पित करता हूं।