सार
World Wildlife Day 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य (Gir Wildlife Sanctuary) की यात्रा की। इस दौरान उन्होंने 2927 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट लायन की समीक्षा की।
World Wildlife Day 2025: विश्व वन्यजीव दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने 2,927 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट लॉयन की समीक्षा की। यह एशियाई शेरों की आबादी बढ़ाने की पहल है। सोमवार दिन की शुरुआत पीएम ने गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य (Gir Wildlife Sanctuary) में सफारी से की। यह भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है। यहां 674 शेर रहते हैं।
क्या है प्रोजेक्ट लॉयन, कैसे भारत में बढ़ाई जा रही शेरों की संख्या?
प्रोजेक्ट लॉयन (Project Lion) भारत में शेरों की संख्या बढ़ाने के लिए शुरू की गई पहल है। इसके लिए 2927 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। प्रोजेक्ट लॉयन के तहत गुजरात के गिर के सासन में अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय बनाया जा रहा है। यह राष्ट्रीय वन्यजीव रोग निदान केंद्र के रूप में काम करेगा।
इस हॉस्पिटल से कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) और बेबेसिया जैसी बीमारियों की निगरानी और रोकथाम की जा सकेगी। इन बीमारियों के चलते 2018 और 2020 में शेरों को खतरा पैदा हुआ था।
प्रोजेक्ट लॉयन के तहत बढ़ाई जा रही जंगल में शेरों की सुरक्षा
प्रोजेक्ट लॉयन से जंगल में शेरों की सुरक्षा और निगरानी बढ़ाई जा रही है। ड्रोन से जंगलों की निगरानी की योजना है। इसके साथ ही जंगल में प्रवेश करने और बाहर निकलने के रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की योजना है। शेरों के बचाव के लिए 33 रैपिड रिस्पांस यूनिट्स और 100 नए ट्रैकर पोस्ट भी होंगे। प्रोजेक्ट लॉयन 10 साल तक चलने वाली परियोजना है। इसकी शुरुआत 2020 में हुई थी।
बर्दा डूंगर वन्यजीव अभयारण्य में भी बढ़ेगी शेरों की आबादी
गिर में एशियाई शेरों की आबादी बढ़ रही है। प्रोजेक्ट लायन के तहत गिर से लगभग 100 किलोमीटर पश्चिम में स्थित बर्दा डूंगर वन्यजीव अभयारण्य को शेरों के लिए दूसरे घर के रूप में विकसित करना है। 2020 की जनगणना के अनुसार गुजरात में 674 शेर हैं। 2015 से 2020 तक यहां शेरों की आबादी 29 प्रतिशत बढ़ी है।