Shashi Tharoor ने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति, ऊर्जा और कूटनीतिक सक्रियता की तारीफ की। कहा- यह राष्ट्रीय एकता की बात है। कांग्रेस में मचा राजनीतिक घमासान, जानें पूरी कहानी।

Shashi Tharoor news: कांग्रेस सांसद शशि थरूर का पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ भरे लेख से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। थरूर ने एक प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी अखबार में लिखे अपने आर्टिकल में मोदी को भारत का एसेट बताया और कहा कि उन्होंने ने Operation Sindoor के बाद विदेशों में भारत के पक्ष को मजबूती से रखा। हालांकि, थरूर ने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं कि वे BJP जॉइन करने वाले हैं। यह मेरी भाजपा में कूदने की घोषणा नहीं है। यह राष्ट्रीय एकता और भारत के लिए खड़े होने का संदेश है।

PMO द्वारा लेख शेयर किया गया, सोशल मीडिया पर बढ़ी चर्चाएं

शशि थरूर का लेख प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने X (पूर्व Twitter) पर भी साझा किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गईं कि क्या थरूर सत्ताधारी पार्टी की ओर झुकाव दिखा रहे हैं।

क्या है Operation Sindoor और थरूर की भूमिका?

Operation Sindoor भारत की सैन्य प्रतिक्रिया थी, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू की गई। इसके बाद भारत सरकार ने एक वैश्विक कूटनीतिक अभियान (Global Diplomatic Outreach) की शुरुआत की जिसमें कुछ विपक्षी नेताओं को भी शामिल किया गया। थरूर को इस डेलिगेशन का प्रमुख बनाकर अमेरिका और अन्य चार देशों में भारत का पक्ष रखने भेजा गया। विदेश में मिशन पूरा कर वे लौटे तो प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर उनका स्वागत किया, जिससे चर्चाएं और बढ़ गईं।

मोदी ने दिखाई सक्रियता, हम सबने दिया सहयोग

थरूर ने लेख में लिखा: प्रधानमंत्री ने विदेश नीति में गतिशीलता दिखाई है। उन्होंने सबसे ज़्यादा देशों की यात्राएं की हैं। हमने उनके प्रयासों को विपक्ष की ओर से सहयोग देकर मजबूत किया। भारत की विदेश नीति केवल BJP या कांग्रेस की नहीं बल्कि Indian National Interest की बात है। राजनीतिक मतभेद सीमाओं पर रुकने चाहिए।

कांग्रेस में पुराने मतभेद, G-23 से अब तक की दूरी

शशि थरूर 2021 में कांग्रेस के असंतुष्ट गुट G-23 के प्रमुख चेहरों में शामिल रहे हैं, जिसने गांधी परिवार की नेतृत्व शैली पर सवाल उठाए थे। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ विचारों में मतभेद हैं लेकिन वे पार्टी के प्रति वफादार हैं। राहुल गांधी से भी उन्होंने मुलाकात की लेकिन उसका कोई राजनीतिक नतीजा सामने नहीं आया।