सार

साइक्लोन मिचौंग की वजह से चेन्नई में भयंकर बारिश हुई जिसकी वजह से सड़कों पर भारी जलभराव हो गया है। एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है और सड़क पर कारें नाव की तरह बह रही हैं।

 

Chennai Flood. साइक्लोन की वजह से हुई भारी बारिश के बाद चेन्नई की सड़कें लबालब पानी से भर गई हैं। ऐसा तब हो रहा है जब शहर में चक्रवाती तूफान से होने वाली के पानी को निकालने के लिए नालों का लंबा नेटवर्क है। चेन्नई में तूफानी नालों का करीब 3319 किलोमीटर लंगा नेटवर्क है, इसके बावजूद चेन्नई में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। ऐसा क्यों हो रही है, यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है।

 

 

क्या है चेन्नई की हालत

चक्रवात मिचौंगी वजह से चेन्नई लगातार भारी बारिश हो रही है। चक्रवात का कहर चेन्नई पर साफ दिख रहा है। हवा के तेज झोंके के साथ हो रही बारिश की वजह से शहर के सभी इलाकों में पानी भर गया है। प्लेन और रेल सेवाओं को रोक दिया गया है। स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर बंद हैं। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने सोमवार सुबह तक 340 एमएम बारिश रिकॉर्ड की है। यह स्थिति तब और खराब हो गई जब चेन्नई में 3319 किलोमीटर लंबा नाला नेटवर्क पूरी तरह से फेल हो गया। चेन्नई निगम आयुक्त डॉ. जे राधाकृष्णन ने चक्रवात मिचौंग की धीमी गति को बड़ी चुनौती बताया। कहा कि इसकी वह से छोटी नहरें, प्रमुख नहरें और नदियों सहित पानी निकालने का पूरा सिस्टम ही ध्वस्त हो गया है। इसकी वजह से शहर में बाढ़ के हालात बन गए हैं।

 

 

पानी निकालने का सिस्टम ठप

चेन्नई निगम के आयुक्त डॉ. जे राधाकृष्णन ने मीडिया को बताया कि साइक्लोन मिचौंग चेन्नई तट से निकट है और इसकी गति धीमी है। भारी बारिश चक्रवात की लगातार स्थिति का ही परिणाम है। इसकी वजह से ही करीब 31 छोटी नहरें, चार बड़ी नहरें और 3 नदियों में जल निकासी की प्रक्रिया चरमरा गई है। बताया कि यह सभी आउटलेट के माध्यम से बगाल की खाड़ी में गिरती हैं। लेकिन वहां भारी लहरों की वजह से शहर का अतिरिक्त पानी नहीं निकल पा रहा है। चेन्नई निगम बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों की लगातार निगरानी कर रहा है।

चेन्नई शहर में भयंकर जलभराव

इस समय भारी बारिश और पानी की निकासी न होने की वजह से शहर में भयंकर जलभराव की स्थिति है। सिटी के 22 में 11 सब वे को बंद कर दिया गया है। कंट्रोल रूम में भी पानी भर गया है। स्ट्रीट लाइट्स डैमेज हो गई हैं, बिजली कटौती करनी पड़ी पड़ रही है। कई जगह पर इलेक्ट्रिक पोल गिर गए हैं, पेड़ गिर गए और होर्डिंग भी गिरे हैं। नगर आयुक्त ने कहा कि 3319 किलोमीटर लंबे नालों की क्षमता से ज्यादा पानी शहर में है। यही सबसे बड़ी चुनौती है। निगम के पास 1000 पंप हैं, जिससे पानी निकासी कराई जाएगी। एक्सपर्ट इस पर काम कर रहे हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं।

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