सार

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने सिद्धारमैया (Siddaramaiah) की पत्नी BM Parvathi के खिलाफ ED समन को रद्द किया। जानिए MUDA भूमि घोटाले (MUDA Land Scam) की पूरी कहानी और सिद्धारमैया का बयान।

 

What is MUDA Land Scam: कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) की पत्नी बीएम पार्वथी (BM Parvathi) को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बीएम पार्वथी को ईडी की ओर से भेजे गए समन को कैंसिल कर दिया है। Enforcement Directorate (ED) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले में बीएम पार्वथी प्रमुख आरोपी में एक हैं।

Urban Development Minister Byrathi Suresh को भी राहत

जस्टिस एम नागप्रसन्ना (M Nagaprasanna) की सिंगल बेंच ने बीएम पार्वथी के अलावा शहरी विकास मंत्री बायरथी सुरेश (Byrathi Suresh) को जारी समन को भी खारिज कर दिया। ED ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।

समन पर जनवरी में लगी थी रोक, अब खारिज हुआ ईडी का समन

जनवरी में अदालत ने ED द्वारा भेजे गए समन पर रोक लगा दी थी। पार्वथी ने अदालत में तर्क दिया था कि यह मामला लोकायुक्त (Lokayukta) द्वारा पहले से जांच के दायरे में है इसलिए ED का दखल अनावश्यक है।

Lokayukta की जांच और Siddaramaiah का बयान

पिछले महीने कर्नाटक लोकायुक्त (Karnataka Lokayukta) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी के खिलाफ जांच के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यह शिकायत आपराधिक आरोपों के लिए उपयुक्त नहीं लगती है।

क्या है MUDA Land Scam?

यह मामला पिछले साल सामने आया जब भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि 2016 से 2024 के बीच मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा दिए गए मुआवजे के तहत पार्वथी को आवंटित प्लॉट की कीमत वास्तविक जमीन से अधिक थी। आरोपों के मुताबिक, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के एक कमर्शियल क्षेत्र में MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) ने 14 बेशकीमती जमीनों का आवंटन किया। यह जमीन पार्वती की जमीनों को प्राधिकरण ने अधिग्रहित की गई उनकी जमीन के बदले में दी थी। लेकिन शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जो जमीनें प्राधिकरण ने पार्वती को आवंटित की थी वह उनकी अधिग्रहित जमीनों से कहीं अधिक कीमती थे। शिकायतकर्ता के अनुसार, सिद्धारमैया ने पद का दुरुपयोग कर इन जमीनों का आवंटन कराया था। जब जमीनों का आवंटन किया गया तो सिद्धारमैया, राज्य के मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि राज्य को इस आवंटन से करीब 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। लोकायुक्त के एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी। ED इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एंगल से जांच कर रही थी।

सिद्धारमैया ने कहा: मैं डरूंगा नहीं

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जमीन आवंटन घोटाला के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मेरी पत्नी को दिए गए 14 प्लॉट उसके भाई द्वारा गिफ्ट (Gift) में दिए गए थे। उन्होंने यह भी कहा: मैं डरने वाला नहीं हूं। मेरे खिलाफ किसी भी मामले में सजा नहीं हुई है, इसलिए मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। हम कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।

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