सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के विझिनजाम बंदरगाह का उद्घाटन किया। यह भारत के पहले गहरे पानी के ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल के रूप में सालाना 18,50,89,85,000 रुपये की बचत करेगा। जानें कैसे यह बंदरगाह भारत के व्यापार को गेमचेंजर बना सकता है।

Vizhinjam Port: केरल में विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi Inauguration) ने शुक्रवार को किया। इस उद्घाटन के साथ ही भारत को एक नया समुद्री मार्ग और व्यापार का खेल बदलने वाली सुविधा मिली है। विझिनजाम भारत का पहला गहरे पानी का ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल बन चुका है, जो देश के व्यापारिक संबंधों में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है।

भारत को हर साल 18,50,89,85,000 रुपये की बचत

यह बंदरगाह भारत को विदेशों पर निर्भरता कम करने और अपने व्यापार को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। विझिनजाम की शुरूआत के साथ ही भारत सालाना 220 मिलियन डॉलर (18,50,89,85,000 रुपये) की बचत करेगा। अब तक, भारत का लगभग 75% ट्रांसशिपमेंट कार्गो विदेशी बंदरगाहों से भेजा जाता था, जिसके कारण अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब यह व्यवसाय भारत में वापस आएगा, जिससे विदेशी मुद्रा का बहिर्वाह कम होगा और व्यापार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

विझिनजाम का रणनीतिक स्थान: विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ

विझिनजाम बंदरगाह (Vizhinjam Port) का स्थान पूरी तरह से रणनीतिक रूप से चुना गया है। यह स्थान एक प्रमुख वैश्विक शिपिंग मार्ग से सिर्फ 10 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है और प्राकृतिक रूप से गहरे पानी से संपन्न है। इसके अलावा, यह बंदरगाह बड़े कंटेनर जहाजों को आसानी से संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

 

 

बंदरगाह के आधुनिक तकनीकी विकास: एआई-संचालित सिस्टम

विझिनजाम बंदरगाह के पहले चरण में अर्ध-स्वचालित बुनियादी ढांचा स्थापित किया गया है, जिसमें आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित एआई-संचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली और उन्नत कार्गो हैंडलिंग क्रेन शामिल हैं। इसके कारण, बंदरगाह में आने वाले कंटेनरों को जल्दी और प्रभावी तरीके से संभाला जा सकेगा, जो व्यापार को और अधिक सुविधाजनक बनाएगा।

देशी और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए नया अवसर

2024 में विझिनजाम बंदरगाह ने दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी एमएससी के जेड सर्विस रूट पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में अपना स्थान बना लिया है। इसके माध्यम से एशिया और यूरोप के बीच व्यापार बढ़ेगा, जो भारत के लिए एक बड़ा अवसर है।

 

 

विकास के अगले चरण: उच्चतम क्षमता की ओर बढ़ता भारत

2028 तक, विझिनजाम बंदरगाह के विकास का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसके तहत इसकी वार्षिक क्षमता 3 मिलियन टीईयू (Twenty-foot Equivalent Unit) तक बढ़ जाएगी। इसके साथ ही, यह बंदरगाह भारत के सबसे बड़े और प्रभावशाली ट्रांसशिपमेंट केंद्र के रूप में उभरेगा। अडानी पोर्ट्स द्वारा ₹10,000 करोड़ की लागत से इस परियोजना को पूरा किया जाएगा।

भारत के समुद्री पुनरुत्थान का प्रतीक

विझिनजाम बंदरगाह अपने विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे, रणनीतिक स्थान और भविष्य के लिए तैयार डिजाइन के साथ दक्षिण एशिया का अग्रणी ट्रांसशिपमेंट हब बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह बंदरगाह भारत के समुद्री पुनरुत्थान का प्रतीक बन सकता है, जिससे देश के व्यापार और शिपिंग उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती मिलेगी।

एक नए युग की शुरुआत

विझिनजाम बंदरगाह भारत के लिए समुद्र के रास्ते व्यापार को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल व्यापार में बचत होगी, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा। यह बंदरगाह न केवल एक संरचनात्मक चमत्कार है, बल्कि देश की आर्थिक स्वतंत्रता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी वृद्धि करेगा।