उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में NDA और विपक्ष के बीच रोमांचक मुकाबला, 18 सांसदों की अनसुलझी रणनीति बना सकती है नतीजे काे गेमचेंजर। जानिए वोटिंग प्रक्रिया, क्रॉस वोटिंग और जीत का फॉर्मूला।
Vice President Election 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि संसद के गलियारों में सियासी रोमांच का बड़ा खेल बन गया है। NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच कांटे की टक्कर है। अनुमान है कि अगर सभी सांसद पार्टी लाइन पर वोट दें, तो NDA को लगभग 439 और विपक्ष को 324 वोट मिल सकते हैं। लेकिन यहां 18 सांसदों का रुख़ अभी भी रहस्य बना हुआ है, और यही चुनाव की दिशा बदल सकते हैं। गुप्त मतदान और एकल हस्तांतरणीय वोट प्रणाली (single transferable vote system) के कारण हर वोट की अहमियत बढ़ गई है। दोनों खेमे क्रॉस वोटिंग की संभावना को लेकर आशान्वित हैं।
18 सांसदों की अनसुलझी रणनीति: क्या ये वोट बदल देंगे नतीजा?
BJD के 7, BRS के 4, अकाली दल, ZPM और VOTTP के 1-1 और 3 निर्दलीय सांसदों ने अब तक यह साफ नहीं किया कि वे किसे वोट देंगे। इन 18 सांसदों की भूमिका अब तक चुनाव के सबसे बड़े रहस्य के रूप में बनी हुई है। यदि इनमें से कुछ सांसद विपक्ष की ओर झुकते हैं, तो चुनाव का रोमांच और बढ़ जाएगा।
कौन किसके पक्ष में?
NDA की ओर से महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन उम्मीदवार हैं। विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है।
- अगर सांसद पार्टी लाइन पर वोट करें तो NDA: 439, विपक्ष: 324
- लेकिन 18 सांसदों का फैसला अब तक रहस्यमय है
यह चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि बीजेडी, बीआरएस, अकाली दल, ज़ेडपीएम और वीओटीटीपी के सांसदों का रुख़ अभी तय नहीं हुआ है। इसमें से 3 निर्दलीय सांसद भी शामिल हैं। इनके निर्णय से नतीजा पूरी तरह बदल सकता है।
विपक्ष की रणनीति: क्या संविधान बनाम BJP-RSS की लड़ाई प्रभाव डाल पाएगी?
विपक्ष इस चुनाव को “संविधान बनाम आरएसएस-बीजेपी” की लड़ाई बताकर प्रचार कर रहा है। वह सांसदों को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी तेलुगु समुदाय से हैं और संविधान की रक्षा के लिए खड़े हैं। कांग्रेस ने भी अपने 15 सांसदों के लिए अलग समन्वयक नियुक्त किए हैं और मॉक पोल कर रणनीति को मजबूत किया है।
बीजेपी की तैयारी: क्या पार्टी के ट्रेनिंग से कोई वोट रद्द होने से बच पाएगा?
बीजेपी ने सांसदों को वरीयता आधारित वोटिंग पद्धति समझाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया है। पार्टी चाहती है कि कोई भी वोट अमान्य न हो। पिछले चुनावों में कई वोट गलत भरने की वजह से रद्द हो चुके हैं।
गुप्त मतदान: क्या क्रॉस वोटिंग खेल बदल सकती है?
संविधान के अनुच्छेद 66(1) के तहत उपराष्ट्रपति चुनाव में सांसदों को उम्मीदवारों के सामने प्राथमिकता अंकित करनी होती है। पहली प्राथमिकता अनिवार्य है और अन्य वैकल्पिक। गुप्त मतदान और क्रॉस वोटिंग की संभावना ने इस चुनाव को और भी रहस्यमय और रोमांचक बना दिया है।
नतीजा और संदेश: क्या विपक्ष अपनी ताकत दिखा पाएगा?
विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही NDA जीत जाए, लेकिन यदि विपक्ष को सभी 324 वोट मिलते हैं, तो यह किसी हारे हुए उम्मीदवार के लिए अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा होगा। 18 सांसदों के रुख़ से यह तय होगा कि चुनाव का नतीजा किसकी ओर झुकेगा और क्या विपक्ष क्रॉस वोटिंग के जरिए अपना संदेश संसद और जनता तक पहुंचा पाएगा।
