नई दिल्ली। एक मीडिया संस्थान ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि भारत 2026 तक 300 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का टारगेट मिस कर सकता है। इस दावे को केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने गलत बताया है।

मीडिया संस्थान ने सूत्रों के आधार पर दावा किया कि इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट 58-69 बिलयन डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि टारगेट 105-130 बिलियन डॉलर है। राजीव चंद्रशेखर ने इन दावों का खंडन किया है।

 

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2014 में 12 बिलियन डॉलर की होती थी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग

केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, "यह 300 बिलियन डॉलर के लक्ष्य से चूकने की संभावना का पूर्वानुमान लगाने का आकर्षक प्रयास है। 2014 में भारत में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग करीब 12 बिलियन डॉलर था। एक दशक से थोड़े अधिक वक्त में भारत ने 2026 तक 300 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का लक्ष्य रखा। इस क्षेत्र में 11 साल में 20-25 गुना तेजी आई है। मंत्री ने कहा कि कैसे स्रोत 225 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निष्कर्ष पर पहुंचे यह एक रहस्य है। हम कोई कारण या संकेत नहीं देखते हैं कि हम अपने लक्ष्यों से कम प्रदर्शन करेंगे।

 

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कपिल सिब्बल के आरोपों का दिया जवाब

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा कि जब भारत सरकार आईटी नियमों के तहत तथ्य जांच करती है तो केवल सरकार के बारे में ही गलत सूचनाएं नहीं जांच होती। हम सभी फैक्ट्स के प्रति जांच करते हैं। कपिल सिब्बल जैसे लोग इस पर अनर्गल शोर मचाते हैं और गलत सूचनाएं फैलाते हैं। 2004-2014 तक कांग्रेस सरकारों ने धारा 66ए का दुरुपयोग किया तब यही नेता चुप्पी साधकर बैठे थे। राजीव चंद्रशेखर ने कहा पाखंड तेरा नाम कांग्रेस है।

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