सार

UNDP HDI Rank 2025: भारत ने 2025 के मानव विकास सूचकांक (HDI) में 130वीं रैंक हासिल कर ऐतिहासिक प्रगति दर्ज की। शिक्षा, स्वास्थ्य और आय में सुधार से देश हाई ह्यूमन डेवलपमेंट कैटेगरी की दहलीज पर पहुंचा है।

UNDP HDI Rank 2025: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी Human Development Report 2025 में भारत ने काफी सुधार किया है। भारत की रैंकिंग 193 देशों में अब 130 हो गई है जो 2022 में 133 थी। देश का Human Development Index (HDI) स्कोर 2022 के 0.676 से बढ़कर 2023 में 0.685 हो गया है। यह प्रदर्शन भारत को high human development category की दहलीज (HDI ≥ 0.700) के और करीब ले आया है।

AI और इंसानी विकास का मेल

इस साल की रिपोर्ट का शीर्षक है-A Matter of Choice: People and Possibilities in the Age of AI. रिपोर्ट इस बात पर ज़ोर देती है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) जैसे आधुनिक तकनीकी आयाम कैसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं, खासकर भारत, को मानव विकास में आगे ले जा सकते हैं।

UNDP की प्रशंसा: शिक्षा और आय में भारत की सराहनीय प्रगति

UNDP इंडिया की प्रतिनिधि एंजेला लुसीगी (Angela Lusigi) ने कहा:भारत की HDI रैंकिंग में निरंतर सुधार, खासकर औसत स्कूली शिक्षा वर्ष (mean years of schooling) और प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय (GNI per capita) में बढ़ोत्तरी, देश के समर्पण और दूरगामी सोच का परिचायक है। महामारी के बाद भारत की life expectancy रिकॉर्ड स्तर 72 वर्ष तक पहुंच चुकी है, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहलों और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का परिणाम है।

1990 से अब तक 53% की HDI वृद्धि

1990 में भारत का HDI स्कोर 0.448 था जो अब 0.685 है यानी 53% से अधिक की वृद्धि। यह वैश्विक औसत और दक्षिण एशियाई देशों के औसत से अधिक है।

स्वास्थ्य में क्रांति: 72 साल की जीवन प्रत्याशा

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Rural Health Mission), आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat), जननी सुरक्षा योजना, और पोषण अभियान (Poshan Abhiyaan) जैसे कार्यक्रमों ने जनस्वास्थ्य (Public Health) की स्थिति को नई ऊंचाई दी है। इसी का परिणाम है कि अब औसतन जीवन प्रत्याशा 72 साल हो चुकी है।

शिक्षा में सुधार: 13 साल की औसत स्कूली पढ़ाई

1990 में जहां एक बच्चा औसतन 8.2 साल स्कूल में पढ़ता था, अब वह 13 साल तक शिक्षा प्राप्त कर रहा है। समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan), राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) और Right to Education Act जैसी पहलों ने इस दिशा में निर्णायक भूमिका निभाई है। हालांकि, गुणवत्ता और लर्निंग आउटकम अब भी चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हैं।

आर्थिक सुधार और गरीबी में गिरावट

प्रति व्यक्ति Gross National Income (GNI) 1990 के USD 2167.22 से बढ़कर अब USD 9046.76 हो गई है। मनरेगा (MGNREGA), जनधन योजना (Jan Dhan Yojana) और डिजिटल समावेशन जैसी योजनाओं ने इस ग्रोथ में योगदान दिया है। सबसे खास बात – 2015-16 से 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ भारतीय बहुआयामी गरीबी (Multidimensional Poverty) से बाहर निकले हैं।