सार
नई दिल्ली। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती इलाके में CRPF और छत्तीसगढ़ व ओडिशा पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में 20 नक्सली मारे गए। इनमें सबसे प्रमुख नाम जयराम रेड्डी था। टॉप नक्सल कमांडर जयराम ऊर्फ चलपति की तलाश पुलिस को लंबे समय से थी। वह दशकों से बचता रहा था। उसने अपनी पत्नी अरुणा उर्फ चैतन्य वेंकट रवि के साथ एक सेल्फी ली। इस एक गलती ने उसे यमराज के पास पहुंचा दिया।
चलपति पर 1 करोड़ रुपए का इनाम था। वह फरवरी 2008 में ओडिशा के नयागढ़ जिले में हुए हमले का मास्टरमाइंड था। इस हमले में 13 सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। माओवादी विरोधी अभियानों में शामिल एक सीनियर अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार चलपति ने सुनिश्चित किया था कि माओवादी पुलिस के हथियार लूटें और नयागढ़ से सफलतापूर्वक भाग निकलें।
चलपति ने बड़ी बारीकी से हमले की योजना बनाई थी। उसने शहर की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर पेड़ काटकर रख दिए थे। इसके चलते पुलिस पर हमला होने के दौरान बाहर से सुरक्षा बल के जवान नयागढ़ में प्रवेश नहीं कर सके।
लावारिस स्मार्टफोन से मिली थी चलपति की सेल्फी
चलपति कई सालों तक गुमनाम रहा। उसकी पत्नी अरुणा आंध्र ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (AOBSZC) की 'डिप्टी कमांडर' है। उसके साथ ली गई सेल्फी ने सुरक्षा बलों को उसकी पहचान करने में मदद की। यह तस्वीर एक लावारिस स्मार्टफोन में मिली थी। इसे मई 2016 में आंध्र प्रदेश में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के बाद बरामद किया गया था।
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चलपति के सिर पर 1 करोड़ रुपए का इनाम था। वह 8-10 निजी सुरक्षाकर्मियों के साथ कहीं आता-जाता था। आंध्र प्रदेश के चित्तूर का रहने वाला चलपति माओवादियों की केंद्रीय समिति का सीनियर सदस्य था। वह मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के बस्तर में सक्रिय था। इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ बढ़ने के चलते उसने कुछ महीने पहले अपना ठिकाना बदल लिया था। सेल्फी के चलते चलपति को ट्रैक किया जा सका।