- Home
- National News
- पढ़ाई में मन नहीं लगा, हाईस्कूल फेल हुए, किसानी कठिन था लेकिन एक महीना पहले खेती में ऐसा लगा जैकपॉट कि कमा लिए 1.8 करोड़ रुपये
पढ़ाई में मन नहीं लगा, हाईस्कूल फेल हुए, किसानी कठिन था लेकिन एक महीना पहले खेती में ऐसा लगा जैकपॉट कि कमा लिए 1.8 करोड़ रुपये
यह कहानी तेलंगाना के मेडक क्षेत्र के कौडिपल्ली गांव के रहने वाले बी महिपाल रेड्डी की है। एक महीना पहले तक किसानी से बहुत लाभ नहीं मिलने से चिंतित रहने वाले महिपाल की खुशी का ठिकाना नहीं है।
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us

Tomato change the destiny of Farmer: पढ़ाई में मन नहीं लगता लेकिन माता-पिता के दबाव में स्कूल जाते। हाईस्कूल तक किसी तरह पहुंचे। हाईस्कूल में फेल हो गए। नौकरी कहीं मिलती नहीं। जीवन की गाड़ी को खींचने के लिए किसानी का फैसला किया। हालांकि, यह और भी कठिन काम था। मेहनत और लागत तो अधिक लेकिन रिटर्न न के बराबर। धान की खेती से कोई खास लाभ न था। लेकिन कहते हैं न किस्मत एक दिन पलटती जरुर है। टमाटर की कीमत ऐसी चढ़ी कि मानों कारु का खजाना ही हाथ लग गया। डेढ़ महीना में ही पौने दो करोड़ रुपये कमा लिया और खेतों में अभी भी 40 प्रतिशत टमाटर बचे हैं।
महिपाल रेड्डी इसे वरदान मानते हैं। हालांकि, लोगों का मानना है कि उनको बाजार की स्थिति का ज्ञान होने का भरपूर लाभ मिला है। पूरे देश में जब टमाटर की कीमतें चढ़ी तो आपूर्ति में व्यापक स्तर पर कमी आई। रेड्डी को इसका फायदा मिला और वह राज्य में अपनी शर्तों पर डिमांड को पूरा करने लगे। आलम यह कि उन्होंने 100 रुपये से अधिक मूल्य पर अपनी फसल बेची।
बी.महिपाल रेड्डी ने बताया कि इस सीजन में 8 एकड़ टमाटर की फसल मैंने उगाई। 15 अप्रैल को बुवाई की और 15 जून तक फल आना शुरू हो गया। मेरी फसल ए ग्रेड थी। हालांकि, अत्यधिक वर्षा की वजह से काफी नुकसान हुआ लेकिन अभी तक एक महीना में ही 1.8 करोड़ रुपये कमा चुका हूं। वैसे अभी भी 40 प्रतिशत फसल मेरा खेत में है।
किसान रेड्डी के पास 100 एकड़ के आसपास जमीन है। चार साल पहले ही चालीस एकड़ में सब्जियां और टमाटर उगाना शुरू किया। वह बाकी में अभी भी धान की खेती करते हैं।
रेड्डी बताते हैं कि वह टमाटर की खेती से पहले भी अच्छी कमाई करते रहे हैं। दो लाख रुपये प्रति एकड़ उस फसल को उगाने का खर्च आता है। नार्मल सीजन में भी यह अच्छा रिटर्न देता है। इस बार वह टमाटर के 7000 हजार से अधिक बॉक्स बेच चुके हैं। प्रत्येक बॉक्स 25 किलोग्राम का है।
महिपाल रेड्डी किसानी में नई टेक्निक के प्रयोग को अच्छा मानते हैं। इससे किसानी की लागत कम होती और आय में वृद्धि होती। वह बताते हैं कि इस बार वह ड्रोन से फसलों पर छिड़काव कर रहे हैं। इससे उपज बेहतर होने के साथ कॉस्ट में भी कमी आएगी।
यह भी पढ़ें: