सार

ओडिशा में एक गोद ली हुई बेटी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी माँ की हत्या कर दी। संपत्ति विवाद और माँ के रिश्तों के विरोध के चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया।

नई दिल्ली: सड़क किनारे मिली तीन दिन की बच्ची को एक महिला ने गोद लिया और बेटी की तरह पाला। लेकिन आगे चलकर इसी बच्ची ने अपनी दत्तक माँ की हत्या कर दी। 14 साल की बच्ची ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ये खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। ये घटना ओडिशा की है। पुलिस के मुताबिक, 13 साल की आठवीं कक्षा की छात्रा ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर 29 अप्रैल को इस वारदात को अंजाम दिया। 54 वर्षीय राजलक्ष्मी करीना की हत्या की साजिश रची गई और फिर उसे अंजाम दिया गया। ये घटना गजपति जिले के परलखेमुंडी शहर के एक किराए के मकान में हुई।

बताया जा रहा है कि बेटी के दो लड़कों से संबंधों का राजलक्ष्मी विरोध करती थीं, जिससे नाराज होकर बेटी ने ये कदम उठाया। इसके अलावा, संपत्ति हड़पने की भी बात सामने आई है। पहले राजलक्ष्मी को नींद की गोलियां दी गईं और फिर तकिये से मुंह दबाकर उनकी हत्या कर दी गई। राजलक्ष्मी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। परिजनों को दिल का दौरा पड़ने की बात बताई गई और अगले दिन भुवनेश्वर में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

दो हफ्ते तक मामला दबा रहा। लेकिन राजलक्ष्मी के भाई सिबा प्रसाद मिश्रा को लड़की का फोन मिला और उन्होंने उसे चेक किया। इंस्टाग्राम चैट में हत्या की साजिश और पूरी योजना का खुलासा हुआ। चैट में राजलक्ष्मी की हत्या और उनके गहने और पैसे हड़पने की बात साफ तौर पर लिखी थी। इसके बाद उन्होंने 14 मई को परलखेमुंडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इस तरह इस खौफनाक वारदात का खुलासा हुआ। पुलिस ने लड़की के साथ मंदिर के पुजारी गणेश रथ (21) और उसके दोस्त दिनेश साहू (20) को गिरफ्तार कर लिया है।

सड़क से उठाकर पाला

करीब 14 साल पहले भुवनेश्वर में सड़क किनारे से राजलक्ष्मी और उनके पति को ये बच्ची मिली थी। निःसंतान दंपति ने बच्ची को गोद लिया और अपनी बेटी की तरह पाला। एक साल बाद राजलक्ष्मी के पति की मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने अकेले ही बच्ची की परवरिश की। कुछ साल पहले, बेटी को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने के लिए वे परलखेमुंडी आ गईं। वहां उन्होंने बेटी का दाखिला कराया और शहर में एक घर किराए पर लिया। धीरे-धीरे लड़की रथ और साहू के करीब आ गई। राजलक्ष्मी ने इस रिश्ते का विरोध किया, जिससे उनके बीच अनबन हो गई। गजपति के पुलिस अधीक्षक जतींद्र कुमार पांडा ने बताया।

साजिश और हत्या

पुलिस के मुताबिक, रथ ने लड़की को हत्या के लिए उकसाया था। रथ ने उसे यकीन दिलाया कि राजलक्ष्मी की हत्या के बाद वे बिना किसी रोक-टोक के अपना रिश्ता जारी रख सकते हैं और उसकी संपत्ति पर कब्जा कर सकते हैं। 29 अप्रैल की शाम को लड़की ने अपनी मां को नींद की गोलियां दीं। जब राजलक्ष्मी सो गईं, तो उसने रथ और साहू को बुलाया।

तीनों ने मिलकर तकिये से राजलक्ष्मी का दम घोंट दिया। इसके बाद राजलक्ष्मी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई। आरोपियों ने परिवार और अस्पताल के कर्मचारियों को बताया कि दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई है। राजलक्ष्मी को पहले से ही दिल की बीमारी थी, इसलिए किसी ने इस बात पर सवाल नहीं उठाया। पुलिस ने यह भी पाया कि लड़की ने पहले ही राजलक्ष्मी के कुछ गहने रथ को दे दिए थे।