Justice Suryakant on Reservation: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों (Local Body Elections) में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई चल रही। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत (Justice Surya Kant) ने बड़ी गंभीर टिप्पणी की है। उन्होंने रिजर्वेशन पर हक जताने को लेकर अहम सवाल किए हैं। जस्टिस सूर्यकांत, आने वाले दिनों में भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) बनने जा रहे हैं।
पहले जानिए रिजर्वेशन को लेकर जस्टिस सूर्यकांत ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि Caste-based reservation अब उस ट्रेन के डिब्बे जैसा हो गया है जिसमें एक बार जो लोग चढ़ जाते हैं, वो बाकी किसी को चढ़ने नहीं देना चाहते।
क्या है ट्रेन डिब्बे वाली उपमा का मतलब?
इस कथन में जस्टिस सूर्यकांत ने प्रतीकात्मक रूप से यह बताने की कोशिश की कि आरक्षण (Reservation System) का जो उद्देश्य मूलतः समाज के कमजोर वर्गों को ऊपर उठाना था, वह अब कुछ समूहों के वर्चस्व का जरिया बनता जा रहा है। लोग एक बार आरक्षण का लाभ ले लेते हैं, तो वे चाहते हैं कि वह लाभ केवल उन्हीं को मिलता रहे—न कि अन्य वंचित समुदायों को।