सार

Manipur Violence:मणिपुर हिंसा के बाद राहत शिविरों में विधिक और चिकित्सा सहायता बढ़ाने के लिए Supreme Court के छह जज 22 मार्च को दौरा करेंगे। जानिए इस दौरे की खास बातें।

 

Manipur violence: मणिपुर (Manipur) में हिंसा प्रभावित लोगों का हाल जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जजों का एक पैनल रिलीफ कैंपों का दौरा करेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला राहत शिविरों में रहने वाले लेागों को मानवीय और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए किया है। कोर्ट (Supreme Court) के छह न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधिमंडल 22 मार्च को दौरा करेगा। इस दल का नेतृत्व न्यायमूर्ति बीआर गवई (Justice BR Gavai) करेंगे। गवई, नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।

कौन-कौन हैं प्रतिनिधिमंडल में?

इस प्रतिनिधिमंडल में जस्टिस सुर्या कांत (Justice Surya Kant), जस्टिस विक्रम नाथ (Justice Vikram Nath), जस्टिस एमएम सुंदररेश (Justice MM Sundresh), जस्टिस केवी विश्वनाथन (Justice KV Viswanathan) और जस्टिस एन कोटेश्वर (Justice N Kotishwar) शामिल होंगे।

कानूनी और चिकित्सा सहायता को मिलेगा विस्तार

जस्टिस बीआर गवई मणिपुर के सभी जिलों में विधिक सेवाओं के कैंप (Legal Services Camps), चिकित्सा शिविर (Medical Camps) और नए विधिक सहायता क्लीनिक (Legal Aid Clinics) का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। इम्फाल ईस्ट (Imphal East), इम्फाल वेस्ट (Imphal West) और उखरुल (Ukhrul) जिलों में नए लीगल एड क्लीनिक खोले जाएंगे जिससे राहत शिविरों में रह रहे आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (Internally Displaced Persons - IDPs) को कानूनी सहायता मिल सके। इसके अलावा, जरूरी राहत सामग्री भी वितरित की जाएगी जिससे प्रभावित लोगों को भोजन, चिकित्सा सुविधाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा सकें।

सरकारी योजनाओं से जोड़े जाएंगे विस्थापित लोग

NALSA के बयान के अनुसार, विधिक सेवा शिविरों के माध्यम से IDPs को सरकारी वेलफेयर स्कीम्स से जोड़ा जाएगा। इनमें स्वास्थ्य सुविधाएं, पेंशन योजनाएं, रोजगार योजनाएं और पहचान पत्र पुनर्निर्माण जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं शामिल होंगी।

NALSA ने कहा कि प्रतिभागी राज्य विभागों को कम से कम पांच प्रमुख योजनाओं को रेखांकित करना होगा, जो विस्थापित आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगी।

इसके अलावा, चेन्नई (Chennai) से 25 विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम सभी राहत शिविरों में चिकित्सा शिविर आयोजित करेगी। यह टीम अगले छह दिनों तक अपनी सेवाएं जारी रखेगी, जिससे विस्थापित परिवारों को निरंतर चिकित्सा सहायता, उपचार और आवश्यक दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

NALSA और MASLSA की भूमिका

NALSA ने कहा कि मणिपुर स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (MASLSA) ने इस हिंसा के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राहत शिविरों में 273 विशेष विधिक सहायता क्लीनिक (Special Legal Aid Clinics) स्थापित किए गए हैं, जो विस्थापितों को सरकारी लाभ प्राप्त करने, खोए हुए दस्तावेज पुनः प्राप्त करने और चिकित्सा सहायता दिलाने में मदद कर रहे हैं।

मणिपुर हाईकोर्ट की वर्षगांठ पर होगा दौरा

सुप्रीम कोर्ट के जजों का यह दौरा मणिपुर हाईकोर्ट (High Court of Manipur) की द्विवार्षिक वर्षगांठ (Duo Decennial Celebration) के अवसर पर किया जा रहा है।

मणिपुर हिंसा – कैसे भड़की आग?

मणिपुर में हिंदू मैतेई (Hindu Meitei) और ईसाई कुकी (Christian Kuki) जनजातियों के बीच हिंसा 3 मई, 2023 को भड़क उठी, जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की। इसके बाद पूरे राज्य में हिंसा फैल गई और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बल (Paramilitary Forces) तैनात करने पड़े। इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान गई और हजारों विस्थापित हुए, जिनमें से कई अब राहत शिविरों में रह रहे हैं।