सार

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि EVM से कोई भी डेटा न हटाया जाए। अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।

 

SC on EVM data: ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को इलेक्शन कमीशन (ECI) को निर्देश दिया कि वह वोटिंग मशीन्स का डेटा सुरक्षित रखे। एपेक्स कोर्ट ने सवाल पूछा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का डेटा चुनावों के बाद कैसे डिलीट किया जाता है। कोर्ट ने आदेश दिया कि EVM Data को फिलहाल न हटाया जाए और न ही इसमें कोई नया डेटा लोड किया जाए।

ईवीएम डेटा डिलीट करने का क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) और हरियाणा कांग्रेस नेताओं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इसमें मांग की गई थी कि EVM Memory और Microcontroller को बर्न करने की प्रक्रिया पर पारदर्शिता लाई जाए।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ECI से मांगा जवाब

भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा: यदि हारने वाले उम्मीदवार को संदेह है तो इंजीनियर यह स्पष्ट कर सकता है कि कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया का पूरा विवरण देने को कहा है कि चुनाव खत्म होने के बाद EVM Data Deletion कैसे किया जाता है।

EVM डेटा डिलीट क्यों किया गया?

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि Bharat Electronics Limited (BEL) के इंजीनियरों ने Dummy Symbol और Test Data लोड किया था जिसके बाद Original EVM Data को क्लियर कर दिया गया। इस पर सीजेआई ने सवाल उठाया कि आखिर EVM Original Data को हटाने की जरूरत क्यों पड़ी? कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में EVM Data डिलीट न किया जाए।

EVM Tampering का सवाल

याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि EVM Burnt Memory और Microcontroller को चुनाव के बाद भी बरकरार रखा जाए। विशेषज्ञों से EVM Verification कराया जाए ताकि यह साबित हो सके कि मशीन के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।

आगे क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च 2025 को करेगा। इस दौरान इलेक्शन कमीशन को ईवीएम डेटा प्रोटेक्शन से जुड़ी सभी गाइडलाइन्स को कोर्ट को देना होगा।

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