सार

INX मीडिया केस में दिल्ली की विशेष अदालत ने चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। चिदंबरम की CBI कस्टडी खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। उन्हें 21 अगस्त को CBI ने उनके घर से रात के वक्त गिरफ्तार किया गा था। तब से लेकर 15 दिनों के लिए CBI कस्टडी में रहे। 

नई दिल्ली. INX मीडिया केस में दिल्ली की विशेष अदालत ने चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। चिदंबरम की CBI कस्टडी खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। उन्हें 21 अगस्त को CBI ने उनके घर से रात के वक्त गिरफ्तार किया गा था। तब से लेकर 15 दिनों के लिए CBI कस्टडी में रहे। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, चिदंबरम को जेल नंबर 7 में एक अलग सेल में रखा जाएगा। उन्हें रोटी, दाल और सब्ज़ी दी जाएगी। वेस्टन शौचालय जैसी अन्य चीजें भी दी जाएंगी।  

अलग सेल में रखा जाएगा

- विशेष अदालत ने कहा, पी चिदंबरम को जेड सिक्योरिटी मिली हुई है इसलिए उन्हें अलग सेल में रखा जाए। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि मुझे केवल इकोनॉमी की चिंता है।

- इससे पहले आज सुबह चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए अग्रिम जमानत नहीं दी। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त को पी चिदंबरम को रात के गिरफ्तार किया था। तब से पी चिदंबरम सीबीआई की कस्टडी में थे। 

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा था?

- कोर्ट ने कहा, हमने ईडी की केस डायरी देखी है। उसे देखकर लगता है कि मनी ट्रेल को उजागर करना जरूरी है।

- कोर्ट ने कहा कि हम ईडी के दावे से सहमत हैं। आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ जरूरी है। जमानत देने से जांच पर असर पड़ सकता है।

-कोर्ट ने कहा कि यह अग्रिन जमानत देने जैसा केस नहीं है। यह कोई साधारण मामला नहीं है। इसकी पुख्ता जांच जरूरी है।

- कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एजेंसी को कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता है।
 

चिदंबरम ने दायर की थी याचिका
21 अगस्त को सीबीआई ने चिदंबरम को उनके घर से गिरफ्तार किया था। चिदंबरम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी, सीबीआई की हिरासत और ईडी मामले को लेकर याचिका दायर की गई है।

क्या है मामला?

यूपीए 1 में चिदंबरम वित्तमंत्री थी। इस दौरान एफआईपीबी ने दो एंटरप्राइस को मंजूरी दी। INX मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की। इसमें आरोप लगाया गया  कि वित्तमंत्री रहते चिदंबरम के कार्यकाल के समय साल 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशी प्राप्त करने में एफआईपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुईं। ईडी ने पिछले साल उनपर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।