सार
Water Flow Increased In Jhelum: जम्मू-कश्मीर में झेलम नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हो गए है।
Water Flow Increased In Jhelum: पाकिस्तान एक ओर पानी के लिए खून बहाने की धमकी दे रहा है वहीं दूसरी ओर उसे अपनी नदियों से आ रहे पानी को संभालने में भी मुश्किल हो रही है। शनिवार को झेलम नदी में अचानक जलप्रवाह बढ़ने से गुलाम जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की स्थिति बन गई। गुलाम जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मुजफ्फराबाद और आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ने की चेतावनी दी है और लोगों को नदी से दूर रहने की सलाह दी है।
झेलम नदी में बढ़ा जलप्रवाह
हालांकि, जम्मू-कश्मीर के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने झेलम में अचानक जलप्रवाह बढ़ने की जानकारी देने से इंकार किया है। उरी सेक्टर में झेलम नदी पर दो बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं उरी-प्रथम और उरी-द्वितीय, स्थित हैं। झेलम नदी उरी से होते हुए गुलाम जम्मू-कश्मीर के चकोटी और मुजफ्फराबाद में प्रवेश करती है। अलग-अलग स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार दोपहर बाद गुलाम जम्मू-कश्मीर के मुजफ्फराबाद और चकोटी में अचानक झेलम का जलस्तर बढ़ गया।
पाकिस्तान ने भारत पर लगाया ये आरोप
गुलाम जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस स्थिति का दोष भारत पर डालते हुए आरोप लगाया कि भारत ने झेलम में सामान्य से ज्यादा पानी छोड़ दिया जिससे यह समस्या पैदा हुई। मुजफ्फराबाद और चकोटी में बड़ी संख्या में लोग पुलों पर जमा होकर झेलम के बढ़े जलप्रवाह को देख रहे थे। बता दें कि श्रीनगर और बारामुला की तरह मुजफ्फराबाद भी झेलम नदी के किनारे स्थित है।
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आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। इस संधि के तहत दोनों देशों के बीच छह नदियों के पानी का बंटवारा होता है। पाकिस्तान ने इसे युद्ध के बराबर बताते हुए पानी के लिए खून बहाने की धमकी दी थी। अब जब पानी का स्तर थोड़ी बढ़त से ही पाकिस्तान संकट में आ गया है तो उसकी बुलाई हुई शोर-शराबा कुछ कम हो गया है।