सार

साँप का ज़हर बहुत खतरनाक होता है. कुछ साँपों का ज़हर शरीर में जाते ही कुछ ही क्षणों में इंसान की मौत का कारण बन सकता है. भारत में कौन सा साँप कितना ज़हर पैदा करता है, इसकी जानकारी यहाँ दी गई है. 
 

दुनिया का सबसे ज़हरीला जानवर (Poisonous animal) साँप (snake) है. अपने ज़हर से इंसान को पल भर में मौत के घाट उतारने की ताकत साँपों में होती है. लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि इंसान साँप के ज़हर से ज़्यादा डर से मरता है. साँपों की भी कई प्रजातियाँ होती हैं. कुछ साँप ज़हरीले नहीं होते. लेकिन उनके काटने के डर से लोग दिल का दौरा पड़ने से मर जाते हैं.

धरती पर पाए जाने वाले सभी साँप अलग-अलग तरीके से ज़हर पैदा करते हैं. कुछ साँप कम मात्रा में ज़हर पैदा करते हैं, तो कुछ साँप बहुत ज़्यादा ज़हर बनाते हैं. कुछ साँपों के ज़हर की एक बूँद भी अगर इंसान के शरीर में चली जाए, तो उसकी मौत हो सकती है. दुनिया में 3,789 तरह के साँप हैं. भारत में 300 तरह के साँप पाए जाते हैं. भारत में पाए जाने वाले साँपों में से 60% साँप ज़हरीले होते हैं. इनमें से चार बहुत ज़्यादा ज़हर पैदा करते हैं. ये बहुत खतरनाक साँप हैं.

भारत में नाग (cobra), कॉमन करैत (common krait), रसेल वाइपर (Russells viper) और सॉ-स्केल्ड वाइपर (saw scaled viper) ज़हरीले होते हैं. नाग जैसे ज़हरीले साँप एक दिन में औसतन 100-200 मिलीग्राम ज़हर पैदा करते हैं. रसेल वाइपर प्रजाति के साँप एक दिन में औसतन 50-100 मिलीग्राम ज़हर पैदा करते हैं. करैत प्रजाति के साँप एक दिन में लगभग 10-15 मिलीग्राम ज़हर पैदा करते हैं. सॉ-स्केल्ड वाइपर एक दिन में औसतन 5-10 मिलीग्राम ज़हर पैदा करते हैं. यह ज़हर उत्पादन हर दिन एक जैसा नहीं होता. यह मौसम और पर्यावरण पर निर्भर करता है. 

भारत में पाए जाने वाले नाग का ज़हर खतरनाक होता है. अगर 5 मिलीग्राम नाग का ज़हर इंसान के शरीर में चला जाए, तो उसके मरने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है. समय पर सही इलाज मिलने पर इंसान के बचने की संभावना होती है. अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन के अनुसार, भारत में हर साल 46,000 लोग साँप के काटने से मरते हैं. भारत की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, हर साल 2,000 लोग साँप के ज़हर से मरते हैं.   

साँप क्यों काटता है?: बहुत से लोग मानते हैं कि अगर साँप के पास ज़हर है और नुकीले दाँत हैं, तो वह ज़रूर काटेगा. लेकिन यह गलत है. साँप हमसे ज़्यादा हमसे डरते हैं. साँप डर के मारे छिपने की कोशिश करते हैं. साँप अपने दाँतों और ज़हर का इस्तेमाल शिकार करने और अपनी रक्षा के लिए करते हैं. खाना ढूँढ़ते हुए साँप अपने शिकार को काटता है और उसके शरीर में ज़हर डाल देता है. ज़हर से शिकार थोड़ी दूर जाकर बेहोश हो जाता है. ज़हर की गंध से साँप शिकार तक पहुँचता है. साँप अपने ज़हर का इस्तेमाल दुश्मनों से बचने के लिए भी करता है. जब इंसान उसे नुकसान पहुँचाने की कोशिश करता है, तो वह अपनी रक्षा के लिए आगे आता है. वह अपने दाँतों और ज़हर को हथियार की तरह इस्तेमाल करता है.