शिवसेना ने पाकिस्तान समर्थन के चलते तुर्की की उड़ानें रोकने की मांग की है। मुंबई से इस्तांबुल जाने वाली सभी उड़ानें तब तक बंद रहें जब तक तुर्की आतंकवाद के खिलाफ अपना रुख़ स्पष्ट नहीं करता, ऐसी मांग पार्टी ने की है।

मुंबई: शिवसेना ने ज़ोरदार तरीके से कहा है कि मुंबई से तुर्की जाने वाली फ्लाइट्स किसी भी हालत में नहीं चलनी चाहिए। शिवसेना के सोशल मीडिया प्रभारी राहुल कनाल ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चिट्ठी लिखकर ये मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक तुर्की आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष स्पष्ट नहीं करता और पाकिस्तान का समर्थन करना बंद नहीं करता, तब तक मुंबई से इस्तांबुल की सभी उड़ाने रोक देनी चाहिए।

शिवसेना नेता ने कहा कि हालात को देखते हुए भारत को तुर्की के साथ अपने रिश्तों पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मुंबई भारत के टूरिज्म इंडस्ट्री (कुल टूरिज्म का 36%) में बड़ा योगदान देता है और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित करता है। तुर्की में घूमने जाने वालों में सबसे ज़्यादा भारतीय हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि जब तक तुर्की पाकिस्तान में फैले आतंकवाद की निंदा नहीं करता, तब तक मुंबई से तुर्की की सभी फ्लाइट्स पर रोक लगा देनी चाहिए।

शिवसेना नेता ने 29 मई को मुंबई से इस्तांबुल जाने वाली टर्किश एयरलाइंस की तीन और इंडिगो की एक फ्लाइट पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन उड़ानों पर रोक लगाना तुर्की के रवैये के खिलाफ एक सही कदम होगा और ये भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाएगा।

पाकिस्तान को खुलेआम समर्थन देने के बाद भारतीय पर्यटक तुर्की की यात्रा का बहिष्कार कर रहे हैं। इससे तुर्की के टूरिज्म सेक्टर को भारी नुकसान हो रहा है। भारतीय पर्यटक अब तुर्की जैसी जगहों की तलाश में हैं जहाँ खर्चा कम हो। खबरों के मुताबिक, भारतीय पर्यटक अब ग्रीस और मिस्र जैसी जगहों पर जाना पसंद कर रहे हैं।

2024 में 3.3 लाख भारतीयों ने तुर्की की यात्रा की थी। इसी दौरान 2.4 लाख भारतीय अज़रबैजान भी गए थे। इससे इन देशों की टूरिज्म इकॉनमी को काफी फायदा हुआ था। पिछले साल तुर्की और अज़रबैजान की टूरिज्म इकॉनमी में सिर्फ भारतीय पर्यटकों का योगदान 69 बिलियन से ज़्यादा का था। ई-वीज़ा की सुविधा, कम यात्रा समय और सीधी फ्लाइट्स की वजह से अज़रबैजान भारतीयों के बीच लोकप्रिय हो रहा है।