गणतंत्र दिवस परेड: झांकियों में दिखी भारत की शान, देखें टॉप 15 फोटोज
कर्तव्य पथ पर भारत की सांस्कृतिक विविधता, सैन्य शक्ति और विकास की झलक दिखी। राष्ट्रपति मुर्मू ने ध्वजारोहण किया, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति मुख्य अतिथि रहे।
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राजधानी में कर्तव्य पथ पर निकले परेड में इस साल मुख्य फोकस संविधान के 75 वर्षों की यात्रा और ‘जन भागीदारी’ (जन आंदोलन) पर रहा। निकली झांकियों में भारत की सांस्कृतिक विविधता, एकता, समानता, विकास और सैन्य शक्ति का अद्भुत संगम दिखा। गणतंत्र दिवस पर इस बार मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो थे।
राष्ट्रपति ने किया राष्ट्रीय ध्वजारोहण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो पारंपरिक बग्गी में कर्तव्य पथ पहुंचे। इसके बाद राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और राष्ट्रीय गान की धुन से पूरा वातावरण गूंज उठा।
10 हजार विदेशी मेहमान पहुंचे गणतंत्र दिवस परेड में
भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि रहे। उनके साथ 10,000 विशेष मेहमानों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इन विशेष अतिथियों को 'स्वर्णिम भारत के शिल्पकार' कहा गया। इनमें विभिन्न क्षेत्रों के श्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता और सरकारी योजनाओं का बेहतर उपयोग करने वाले लोग शामिल थे।
परेड में इंडोनेशिया भी शामिल हुआ। यह परंपरा रही है कि मुख्य अतिथि के देश की सेना परेड में शामिल होती है।
विरासत और विकास थीम पर निकाली गई झांकियां
गणतंत्र दिवस पर 31 झांकियां प्रस्तुत की गईं जिनमें 16 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रालयों, तीनों सेनाओं और पूर्व सैनिकों की भागीदारी रही।
सभी झांकियां इस वर्ष की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ पर आधारित थीं जो देश की समृद्ध संस्कृति और विकास यात्रा को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। उन्होंने वहां पुष्पचक्र अर्पित कर देश के वीर नायकों को नमन किया।
उत्तर प्रदेश की झांकी महाकुंभ, समुद्र मंथन और अमृत कलश की थीम पर बनायी गई थी।
कर्नाटक की झांकी प्राचीन मंदिर लकुंडी की थीम पर थी।
हरियाणा की मनमोहक झांकी को भगवान श्रीकृष्ण को गीता का उपदेश देते हुए थीम पर थी साथ ही राज्य की स्पोर्ट्स में योगदान को दर्शा रहा था।
आंध्र प्रदेश की झांकी भगवान श्री गणेश, श्री बालाजी और खिलौनों की थीम पर आधारित थी। आंध्र प्रदेश में एटिकोप्पाका लकड़ी के खिलौने की 400 साल पुरानी शिल्प परंपरा है जो अपनी पर्यावरण-अनुकूल, निर्बाध, जीवंत और विष-मुक्त प्रकृति के लिए जानी जाती है।
बिहार की झांकी भगवान बुद्ध के धर्म चक्र प्रवर्तना पर आधारित था। जब भगवान बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे बुद्धत्व को प्राप्त करने के बाद अपना पहला संदेश दिया था। यह प्रतिमा भगवान बुद्ध की धर्म चक्र मुद्रा है जो शांति और सद्भावना का प्रतीक माना जाता है।
यूपी के अमृत कलश वाली झांकी। समुद्र मंथन के बाद जो अमृत कलश निकला था उसी थीम पर आधारित है।
यह वेटेरन आर्मी पर्सन्स की ओर से पेश की गई झांकी थी जिसका थीम विकसित भारत की ओर सदैव अग्रसर…रहा। झांकी में भूतपूर्व सैनिकों की अटूट भावना को श्रद्धांजलि दी गई, जो अनुशासन, लचीलापन और अडिग समर्पण का प्रतीक हैं। तीनों सेनाओं की वेटरन महिला अधिकारी - लेफ्टिनेंट कर्नल रविंदरजीत रंधावा, लेफ्टिनेंट कमांडर मणि अग्रवाल और फ्लाइट लेफ्टिनेंट रुचि साहा ने नारी शक्ति और सशस्त्र बलों को आकार देने में महिलाओं की भूमिका का प्रतिनिधित्व किया।
इस गणतंत्र दिवस समारोह ने न केवल देश की ताकत और समृद्धि को प्रदर्शित किया, बल्कि 'जन भागीदारी' के महत्व को भी रेखांकित किया। यह उत्सव भारतीय जनता को संविधान और लोकतंत्र के प्रति उनके कर्तव्यों की याद दिलाने का प्रतीक बना।
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