मोहाली में कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ी और प्रमोटर राणा बलाचौरिया उर्फ कंवर दिग्विजय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर सेल्फी के बहाने पास आए और फायरिंग कर फरार हो गए। पुलिस गैंगवार समेत सभी एंगल से जांच कर रही है।

मोहाली। पंजाब के मोहाली में कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान हुई एक सनसनीखेज घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। मैदान में तालियों और खेल के शोर के बीच अचानक गोलियों की आवाज गूंजी और देखते ही देखते एक उभरते कबड्डी खिलाड़ी की जिंदगी खत्म हो गई। 30 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी कंवर दिग्विजय सिंह, जिन्हें लोग राणा बलाचौरिया के नाम से जानते थे, की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि पंजाब की कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल बनकर सामने आई है। अब सामने आया है कि गोपी घनश्यामपुरिया गैंग ने राणा बलाचोरिया की हत्या की जिम्मेदारी ली है।

घटना आखिर कब और कहां हुई?

यह खौफनाक वारदात मोहाली के सोहाना इलाके में हुई, जहां एक निजी कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन चल रहा था। सोमवार शाम करीब 6 बजे, जब दर्शकों की भीड़ मैदान में मौजूद थी और मुकाबले अपने चरम पर थे, तभी 2 से 3 अज्ञात युवक मैदान में पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने खुद को राणा का फैन बताया और सेल्फी लेने के बहाने उनके पास पहुंचे। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि अगले ही पल गोलियां चल जाएंगी।

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सेल्फी के बहाने क्यों मारी गई गोली?

चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि पहले तो हमलावरों का व्यवहार बिल्कुल सामान्य था। उन्होंने राणा से बातचीत की, मोबाइल निकाला और जैसे ही सेल्फी लेने के लिए पास आए—तभी अचानक फायरिंग शुरू कर दी। कुछ लोगों को पहले लगा कि पटाखे फूट रहे हैं, लेकिन जब लोग जमीन पर गिरने लगे, तब समझ आया कि यह गोलियां हैं। हमलावरों ने दहशत फैलाने के लिए हवा में भी फायरिंग की और फिर मोटरसाइकिल पर सवार होकर फरार हो गए।

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अस्पताल में क्या बताया गया?

गंभीर रूप से घायल राणा बलाचौरिया को तुरंत फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ले जाया गया। अस्पताल के अनुसार, उन्हें शाम 6:05 बजे गोली लगने की हालत में लाया गया था, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस खबर के फैलते ही खेल जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई।

कौन थे राणा बलाचौरिया उर्फ कंवर दिग्विजय सिंह?

कंवर दिग्विजय सिंह, जिन्हें राणा बलाचौरिया या बलराज राणा के नाम से भी जाना जाता था, सिर्फ एक कबड्डी खिलाड़ी ही नहीं थे, बल्कि टूर्नामेंट प्रमोटर भी थे। वह प्रोफेशनल कबड्डी खिलाड़ी, निजी टूर्नामेंट के आयोजक, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और मॉडल और एक्टर थे। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर 25,000 से ज्यादा फॉलोअर्स थे। वे युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय थे और कबड्डी को प्रोफेशनल स्तर पर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे।

क्या राणा का किसी विवाद या गैंग से संबंध था?

क्या यह हत्या किसी दुश्मनी या गैंगवार का नतीजा थी? इस सवाल पर मोहाली के SSP हरमनदीप सिंह हंस ने साफ कहा कि मामला जांच के अधीन है। अभी तक किसी भी गैंग या व्यक्तिगत रंजिश की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, पंजाब में पहले भी कबड्डी खिलाड़ियों की हत्याएं हो चुकी हैं, जिससे इस एंगल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

क्या पहले भी कबड्डी खिलाड़ियों की हत्या हो चुकी है?

यह पहली बार नहीं है जब कबड्डी मैदान खून से रंगा हो। 2022 में जालंधर के मल्लियां कलां में कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबियान की हत्या कर दी गई। अक्टूबर 2024 में जगरांव में खिलाड़ी तेजा सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन घटनाओं ने पहले ही पंजाब की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे।

राजनीति क्यों गरमा गई इस हत्या के बाद?

  • राणा बलाचौरिया की हत्या के बाद विपक्षी दलों ने भगवंत मान सरकार पर तीखा हमला बोला।
  • कांग्रेस, SAD और BJP ने कानून व्यवस्था को पूरी तरह फेल बताया
  • कांग्रेस नेता राजा वारिंग ने कहा—“खेल के मैदान अब शूटिंग ग्राउंड बन गए हैं”
  • प्रताप सिंह बाजवा ने इसे मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की नाकामी बताया
  • सुखबीर सिंह बादल और BJP नेता अश्विनी शर्मा ने गैंगस्टर राज का आरोप लगाया
  • विपक्ष का कहना है कि पंजाब में अपराधियों को कोई डर नहीं रह गया है।

क्या पंजाब में खिलाड़ी अब सुरक्षित हैं?

जब खुले मैदान में, भीड़ के बीच, लाइव टूर्नामेंट में गोलियां चल सकती हैं, तो आम नागरिक खुद को कितना सुरक्षित महसूस करेगा? राणा बलाचौरिया की हत्या सिर्फ एक खिलाड़ी की मौत नहीं, बल्कि यह चेतावनी है कि अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।