Operation Sindoor को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसा, कहा- ट्रंप के एक कॉल पर 'सरेंडर' कर दिया। BJP ने पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता पर लगाया ISI का प्रतिनिधि होने का आरोप। जानिए पूरी कहानी।
Rahul Gandhi on PM Modi over Operation Sindoor: पाकिस्तान के साथ पिछले महीने हुए 100 घंटे के 'Operation Sindoor' को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा तंज कसते हुए दावा किया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक कॉल पर पीएम मोदी ने सरेंडर कर दिया।
राहुल गांधी का तंज
भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कहा: ट्रंप का फोन आया और नरेंद्र जी ने तुरंत surrender कर दिया... इतिहास गवाह है। यही BJP और RSS का चरित्र है। ट्रंप ने कहा 'Narender, surrender' और नरेंद्र जी ने कहा 'Yes Sir'।
1971 युद्ध की याद दिलाई
राहुल गांधी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध का हवाला देते हुए कहा कि 1971 में अमेरिका की धमकी के बावजूद भारत ने पाकिस्तान को तोड़ दिया। कांग्रेस के शेर और शेरनियां किसी भी महाशक्ति के सामने नहीं झुके।
BJP का पलटवार
BJP प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी पाकिस्तान की ISI का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनका यह बयान पूरी तरह भ्रामक है और देश को गुमराह करने वाला है।
क्या था Operation Sindoor?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने हमला कर 26 टूरिस्टों की हत्या कर दी थी। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। भारतीय सेना ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकियों के 9 बड़े ठिकानों को तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन में कम से कम 100 आतंकियों को मार गिराया गया। हालांकि, इस हमले के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय क्षेत्र में लगातार ड्रोन हमले व सीमा क्षेत्र में हमले की कोशिशें की लेकिन भारत की सेना ने उसकी हर कोशिशें नाकाम करने के साथ मुंहतोड़ जवाब दिया। 10 मई को पाकिस्तान की पहल के बाद भारत ने सीजफायर का ऐलान किया था।
भारत-पाकिस्तान तनाव और ट्रंप का दखल
भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थितियों और बढ़े तनाव के बीच जब सीजफायर हो गया तो मई 10 को डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर करवा दिया। हालांकि, भारत ने बाद में सीज़फायर की पुष्टि तो की लेकिन यह भी कहा कि यह पाकिस्तान की पहल पर हुआ था और अमेरिका का कोई दबाव नहीं था।