प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को विश्व जल दिवस(world Water Day 2022) पर जल बचाने का संदेश दिया। पीएम ने एक tweet करके कहा-माताओं और बहनों के जीवन को आसान बनाने में जल जीवन मिशन अत्यंत प्रभावी साबित हो रहा है। जन–जन की भागीदारी से घर-घर नल से जल पहुंचाने का संकल्प पूरा होगा।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को विश्व जल दिवस(world Water Day 2022) पर जल बचाने का संदेश दिया। पीएम ने एक tweet करके कहा-माताओं और बहनों के जीवन को आसान बनाने में जल जीवन मिशन अत्यंत प्रभावी साबित हो रहा है। जन–जन की भागीदारी से घर-घर नल से जल पहुंचाने का संकल्प पूरा होगा। साथ ही जल शक्ति मंत्रालय(Ministry of Jal Shakti) ने tweet किया-एक समय था जब देश की महिलाओं को पानी लाने के लिए कई किमी दूर पैदल जाना पड़ता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पिछले 2.5 वर्षों में 6 करोड़ परिवारों तक नल जल कनेक्शन प्रदान किया गया है। विश्व जल दिवस के मौके पर जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि पानी की बचत ही पानी की उत्पत्ति है। उन्होंने कहा कि पानी बचाना जरूरी हो गया है।

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जानिए कब से मनाया जा रहा विश्व जल दिवस
ब्राजील में रियो डी जेनेरियो में वर्ष 1992 में पर्यावरण और विकास के मुद्दे पर एक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस आयोजन में विश्व जल दिवस मनाने की पहल हुई थी। 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी सामान्य सभा में निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का का ऐलान किया था। विश्व जल दिवस का मकसद लोगों को जल संरक्षण का महत्व समझाना और लोगों तक पीने योग्य पानी पहुंचाना है।

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हर घर जल के बारे में जानिए
हर घर जल भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के हर ग्रामीण घर में नल का पानी कनेक्शन प्रदान करना है। मणिपुर, मेघालय और सिक्किम के लिए 2022 में हर घर जल के लक्ष्य को प्राप्त करना है। अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा और नगालैंड द्वारा निर्धारित समय-सीमा 2023 है, असम के लिए 2024 का लक्ष्य है। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा एक अन्य प्रमुख कार्यक्रम है। देश के सभी राज्यों ने 2 अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच मुक्त का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, जब पूरे भारत के गांवों ने खुद को ओडीएफ घोषित कर दिया था। अपने दूसरे चरण में, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत खुले में शौच से मुक्ति को टिकाऊ बनाने और 2024-25 तक सभी गांवों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लक्ष्य को प्राप्त करने, यानी गांवों को ओडीएफ प्लस में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। 

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जल जीवन मिशन के बारे में जानिए
जल जीवन मिशन का उद्देश्य 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' की तर्ज पर काम करते हुए, पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित बनाना है। 2019 में मिशन की शुरुआत में, देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) परिवारों के पास ही नल के पानी की आपूर्ति उपलब्ध थी। पिछले 29 महीनों के दौरान, कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन को तेजी से लागू किया गया है और आज, 5.69 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। 

वर्तमान में देश भर में 8.93 करोड़ (46.34 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों में नल के पानी की आपूर्ति उपलब्ध है। गोवा, तेलंगाना, हरियाणा राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी, दादरा और नगर हवेली और दमण तथा दीव के केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत घरेलू नल कनेक्शन से जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। वर्तमान में 97 जिलों के प्रत्येक घर और 1.34 लाख से अधिक गांवों को अपने घरों में नल का पानी मिल रहा है। जल जीवन मिशन डैशबोर्ड को ttps://ejalshakti.gov.in/jjmreport/JJMIndia.aspx पर देखा जा सकता है।

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