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Point Nemo: धरती के आखिरी छोर पर 2 जांबाज़ महिलाओं फहराया तिरंगा, जानिए उस जगह का रहस्य जहां कोई नहीं पहुंचता
Point Nemo Tricolour: धरती के आखिरी छोर प्वाइंट निमो पर तिरंगा लहराकर 2 वीरांगनाओं ने रचा इतिहास! तूफानों से जूझते हुए INSV तारिणी से 8 महीने की खतरनाक यात्रा पूरी की। क्या हुआ उस एकांत महासागरीय बिंदु पर? जानिए इस मिशन की पूरी रहस्यभरी दास्तां...
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भारत की दो बेटियां और समंदर की सबसे बड़ी चुनौती
भारतीय नौसेना की दो जांबाज महिला अधिकारी — लेफ्टिनेंट दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा — ने INSV तारिणी पर सवार होकर पूरी दुनिया की समुद्री परिक्रमा की। इस मिशन की खास बात ये रही कि इन्होंने धरती के सबसे एकांत हिस्से Point Nemo पर तिरंगा फहराकर नया इतिहास रच दिया।
क्या है Point Nemo और क्यों है ये खास?
Point Nemo को धरती का 'सबसे दूरस्थ स्थान' कहा जाता है, जहां से इंसानी मौजूदगी का निकटतम स्थान अंतरिक्ष स्टेशन होता है। यहां पहुंचना बेहद मुश्किल है, क्योंकि यह जगह हजारों किलोमीटर तक सिर्फ समुद्र से घिरी हुई है। INSV तारिणी से वहां तक पहुंचना अपने आप में रोमांच था।
INSV तारिणी – नारीशक्ति की प्रतीक जलपोत
INSV तारिणी भारतीय नौसेना का ऐसा पोत है, जो विशेष रूप से लंबे समुद्री अभियानों के लिए तैयार किया गया है। इस पोत ने पहले भी कई महिला अधिकारियों को विश्व भ्रमण के लिए लेकर गया है। यह यात्रा 'नाविका सागर परिक्रमा II' के तहत आयोजित की गई थी।
तूफानों के बीच लिया गया बड़ा फैसला
यात्रा के दौरान Point Nemo की ओर बढ़ते वक्त एक जबरदस्त समुद्री तूफान रास्ते में था। अफसरों के सामने दो विकल्प थे: रास्ता बदलें या तूफान से लड़ते हुए Point Nemo तक जाएं। लेकिन इन जांबाज बेटियों ने फैसला लिया कि वे पीछे नहीं हटेंगी और तिरंगा लहराकर ही लौटेंगी।
धरती के अंतिम छोर पर लहराया भारतीय तिरंगा
Point Nemo, वो जगह है जो धरती पर सबसे एकांत मानी जाती है। यहां से निकटतम इंसान अंतरिक्ष में पाए जाते हैं। यही वह स्थान है जहां भारतीय तिरंगा और नौसेना का ध्वज लहराया गया – यह क्षण दोनों अफसरों के लिए जीवनभर की उपलब्धि बन गया।
8 महीने लंबा रोमांच और संघर्ष
INSV तारिणी की यह यात्रा आसान नहीं थी। करीब 8 महीनों तक समुद्र में रहते हुए इन महिला अधिकारियों ने सीमित संसाधनों में खुद को संभाला। जहाज पर फ्रिज तक नहीं था, जिससे ताजे फल और सब्ज़ियां लंबे समय तक नहीं टिक पाईं। फिर भी उन्होंने हर चुनौती का डटकर सामना किया।
रक्षा मंत्री ने निभाया वादा, किया सम्मान
यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉल पर वादा किया था कि वह वापसी पर INSV तारिणी पर पहुंचेंगे। गोवा लौटने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया और खुद जहाज पर पहुंचकर झंडा फहराया। यह पल दोनों अधिकारियों के लिए गर्व और सम्मान से भरपूर था।
नारीशक्ति को मिला नया आसमान
लेफ्टिनेंट रूपा और दिलना ने कहा कि अब भारत में महिलाएं हर चुनौती के लिए तैयार हो रही हैं। नौसेना जैसे पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में भी उन्हें मौके दिए जा रहे हैं और वे इन्हें साबित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब समय है कि महिलाएं भी इन अवसरों के लिए खुद को तैयार रखें।
Point Nemo पर तिरंगा – एक गर्व का क्षण
जब INSV तारिणी Point Nemo के सटीक निर्देशांक पर पहुंचा, तो वहां भारतीय तिरंगा और नौसेना का झंडा लहराया गया। यह न केवल एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, बल्कि भारत की बेटियों के साहस और आत्मबल की मिसाल भी। यह क्षण हमेशा भारतीय नौसेना के इतिहास में दर्ज रहेगा।
यह सिर्फ यात्रा नहीं, प्रेरणा है हर भारतीय के लिए
INSV तारिणी की यह यात्रा दिखाती है कि अगर हौसला हो, तो कोई भी तूफान आपको नहीं रोक सकता। यह मिशन हर लड़की के लिए प्रेरणा है कि वह भी आसमान और समंदर को छू सकती है। तिरंगे के साथ विश्वास और आत्मबल भी लहराया — यही भारत की असली नारीशक्ति है।