सार
संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली (UNGA) चल रही है। ये असेंबली कोरोना महामारी को देखते हुए वर्चुअल चल रही है। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महासभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले 25 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस आयोजन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का संबोधन हुआ।
नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली (UNGA) चल रही है। ये असेंबली कोरोना महामारी को देखते हुए वर्चुअल चल रही है। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महासभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले 25 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस आयोजन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का संबोधन हुआ। इस दौरान इमरान ने भारत की जमकर बुराई की और इंडिया ने वॉकआउट कर दिया था। ऐसे में पीएम मोदी आज पाकिस्तान को जवाब देंगे।
शाम 6.30 बजे UNGA में पीएम मोदी का संबोधन
पीएम मोदी शनिवार की शाम करीब 6.30 बजे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र की आम सभा को संबोधित करेंगे। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के संबोधन में आतंक के मुद्दे छाए रहने की उम्मीद है। पीएम का फोकस कोरोना महामारी पर भी हो सकता है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि वो इमरान खान को जवाब दे सकते हैं। पीएम मोदी महासभा के मंच से संयुक्त राष्ट्र में सुधार की बात भी उठा सकते हैं।
भारत के प्रतिनिधि ने किया था वॉकआउट
भारत के प्रतिनिधि ने इमरान खान के संबंध के दौरान वॉकआउट किया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाया और पीएम मोदी पर निजी हमले भी किए थे। इमरान के बयान पर भारत राइट टू रिप्लाई का उपयोग कर जवाब देगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है।
तिरुमूर्ति ने अपने ट्वीट में पाकिस्तान को आतंकवाद, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर भी घेरा। संयुक्त राष्ट्र मिशन में भारत के फर्स्ट सेक्रेटरी सेंथिल कुमार ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए उसे आतंकवाद की नर्सरी और एपिसेंटर बताया। उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान हमारे देश के खिलाफ हर अवसर का इस्तेमाल ऐसे अनर्गल आरोप लगाने के लिए करता है। इससे उसकी नकारात्मकता झलकती है।'
सेंथिल ने दी पाकिस्तान को नसीहत
सेंथिल ने पाकिस्तान को दूसरों पर उंगली उठाने से पहले यह सोचने की नसीहत दी कि 'आतंक मानवाधिकारों के उल्लंघन का ही विकृत रूप है और यह मानवता के खिलाफ अपराध है। दुनिया को उस देश से मानवाधिकारों का पाठ नहीं पढ़ना, जिसे आतंक की नर्सरी और एपिसेंटर के तौर पर जाना जाता है। पाक अधिकृत कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान में लगातार मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं हो रही हैं।'