PM Modi in Bhuj: पीएम मोदी ने भुज में 53,400 करोड़ रुपये की 31 परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया। कच्छ के विकास की गति तेज करने की बात कही। पहले पानी की कमी, अब विकास की ओर अग्रसर।

PM Modi in Bhuj: पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को दो दिनी गुजरात दौरे पर पहुंचे हैं। पहले दिन की यात्रा में वडोदरा, दाहोद में रैली व रोड शो के बाद उन्होंने भुज में करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा रोड शो किया। रोड शो के बाद उन्होंने भुज में 53400 करोड़ रुपये से अधिक की 31 परियोजनाओं का ई-लोकार्पण व शिलान्यास किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज कच्छ व्यापार का सेंटर है, मैं जब कच्छ में विकास की गति देने आता हूं तब मुझे लगता है कि मैं और ज़्यादा कुछ करूंगा, मन रुकने का नहीं कहता। एक समय था पूरे गुजरात में 50,000 करोड़ के काम सुनाई नहीं पड़ते थे, पर एक जिले में 50,000 करोड़ का काम होने जा रहा है।

सुख-चैन की रोटी खाओ नहीं तो हमारी गोली है ही

पीएम ने कहा कि भारत विश्व की चौथी बड़ी इकोनॉमी बन गया है। आज पाकिस्तान की हालत क्या है। आज पाकिस्तान के बच्चों-लोगों को सोचना होगा कि आपकी सेना, आपके हुक्मरान आतंक के साए में पल रहे हैं। आपकी सरकार आतंकवाद को समर्थन दे रही है। उनकी सेना के लिए यह पैसा कमाने का जरिया बन गया है। वे आपके भविष्य को नष्ट कर रहे हैं। आपको अंधेरे में धकेल रहे हैं। पाकिस्तान की अवाम को आगे आना होगा। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से कहा कि सुख-चैन की जिंदगी जियो, रोटी खाओ वर्ना मेरी गोली तो है ही। हमने शांति और समृद्धि का रास्ता चुना है।

पाकिस्तान टेररिज्म को टूरिज्म मानता

पीएम मोदी ने भुज में कहा कि टूरिज्म लोगों को जोड़ता है। भारत टूरिज्म में विश्वास करता है लेकिन पाकिस्तान टेररिज्म को ही टूरिज्म मानता है और ये दुनिया के लिए बड़ा खतरा है। आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। ऑपरेशन सिंदूर ने इस नीति को और पक्का कर दिया है। जो भी भारतीयों की खून बहाने की कोशिश करेगा, उसको उसकी ही भाषा में जवाब दिया जाएगा। भारत पर आंख उठाने वाले किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। ऑपरेशन सिंदूर मानवता की रक्षा और आतंकवाद के अंत का मिशन है।

कभी कच्छ में जीवन बेहद मुश्किल था लेकिन आज कितना आसान हो गया

पीएम मोदी ने कहा कि पुरानी पीढ़ी को पता होगा, नए को पता ना हो, आज यहां जीवन आसान हो गया, तब यहां हालात कुछ और थे। मैं जब सीएम था तो नर्मदा का पानी कच्छ में आया वो दिन दिवाली बन गया था। इसके पहले पानी के लिए तरसता था कच्छ। कच्छ में पानी नहीं था पर किसान पानीदार थे। उनका जज्बा देखने जैसा था, जिस भूमि पर हजारों साल पहले धोलावीरा हो हमें उसकी पूजा करनी चाहिए। कच्छ ने बताया आपदा को अवसर में बदला जा सकता है और सिद्धियों को पाया जा सकता है। भूकंप आया तो दुनिया ने कहा अब खत्म कुछ नहीं हो सकता लेकिन साथियों मैंने कभी विश्वास नहीं खोया।