मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है। यह प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों और उच्च सटीकता सेंसर पैकेजों से सुसज्जित है। यह एक तय रास्ते पर आगे बढ़ते हुए टारगेट पर अटैक करता है। इस तरह के मिसाइल को बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम से रोका जा सकता है।यह क्षमता भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति का प्रतीक है।
मिशन दिव्यास्त्र की सफलता पर डीआरडीओ वैज्ञानिकों को पीएम मोदी ने दी शाबाशी
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PM Modi praises DRDO: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को मिशन दिव्यास्त्र की सफलता पर सराहा है। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा: मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है। मिशन दिव्यास्त्र के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया।
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भारत चुनिंदा देशों में शामिल
मिशन दिव्यास्त्र में महिलाओं की विशेष भागीदारी
मिशन दिव्यास्त्र प्रोजेक्ट में परियोजना निदेशक एक महिला हैं। इसके अलावा परियोजना में कई महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मिशन की सफलता से यह होगा फायदा
मिशन दिव्यास्त्र के सफलतापूर्वक प्रदर्शन के बाद एक ही मिसाइल विभिन्न स्थानों पर कई युद्ध प्रमुखों को तैनात कर सकती है।
क्या है दिव्यास्त्र मिशन?
भारत ने सोमवार को मिशन दिव्यास्त्र का परीक्षण किया। इस मिशन के तहत, मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण किया गया।
भारत ने किया मिशन दिव्यास्त्र का सफल परीक्षण
भारतीय वैज्ञानिकों ने सोमवार को मिशन दिव्यास्त्र का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।