PM Modi Mauritius visit: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 12 मार्च को मॉरीशस की यात्रा पर जा रहे हैं। मॉरीशस के नेशनल डे सेरेमनी में बतौर चीफ गेस्ट वह शिरकत करेंगे। दरअसल, पीएम मोदी का मॉरीशस (Mauritius) से एक गहरा रिश्ता रहा है। 2024 में जब वे इस द्वीपीय देश की यात्रा पर गए तो उन्होंने इसे अपनी घर वापसी जैसा अनुभव होने की बात कही थी। यह इसलिए क्योंकि वह पहले भी मॉरीशस की यात्रा कर चुके हैं जब वह प्रधानमंत्री नहीं हुआ करते थे। हालांकि, भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भाषाई संबंधों की जड़ें सदियों पुरानी हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि पीएम मोदी की मॉरीशस से नजदीकी 27 साल पहले 1998 में शुरू हुई थी।

 

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जब नरेंद्र मोदी 1998 में पहुंचे 'मिनी इंडिया'

2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर 1998 के बीच नरेंद्र मोदी पहली बार मॉरीशस गए थे। उस समय वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव थे। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन (International Ramayana Conference) में हिस्सा लेना था जो मोक़ा (Moka) शहर में आयोजित हुआ था। मोदी ने इस सम्मेलन में रामायण (Ramayana) के मूल्यों पर चर्चा की और बताया कि कैसे यह भारत और मॉरीशस को एक सांस्कृतिक पुल की तरह जोड़ता है। उनका यह भाषण मॉरीशस में बसे भारतीय समुदाय को भावनात्मक रूप से जोड़ने वाला साबित हुआ।

रामायण से जुड़ी संस्कृति और भारतीय प्रवासियों का योगदान

मॉरीशस में भारतीय समुदाय की जड़ें 19वीं शताब्दी में गहरी हुईं, जब भारतीय मजदूर यहां आए। वे अपने साथ तुलसीदास की रामायण, हनुमान चालीसा और हिंदी भाषा लेकर आए। यही कारण है कि मॉरीशस को 'मिनी इंडिया' कहा जाता है। मोदी की इस यात्रा के दौरान उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) से भी मुलाकात की। उस समय मोदी किसी प्रशासनिक पद पर नहीं थे।

2024 में पीएम के रूप में पहुंचे थे मॉरीशस

2024 में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी मॉरीशस पहुंचे थे। इस यात्रा में मॉरीशस के साथ उनका वह रिश्ता और मजबूत हुआ जो 1998 में बना था। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक कनेक्शन, व्यापारिक सहयोग और सांस्कृतिक जुड़ाव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में कदम उठाए गए।