सार
Operation Sindoor: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। हमले में आतंकियों ने उनके सिंदूर को छीन लिया। इन्हीं वीरांगनाओं के दर्द का बदला लेने के लिए भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया।
Operation Sindoor: 'ऑपरेशन सिंदूर' की गूंज आज न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में सुनाई दे रही है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में कई बहादुर महिलाओं ने अपने जीवनसाथी को खो दिया। किसी ने अपने पति को खोया किसी मां ने अपने बुढ़ापे का सहारा। कुछ ऐसी नवविवाहिताएं भी थीं जिनकी शादी को कुछ ही दिन हुए थे और उनके हाथों की मेंहदी भी नहीं सूखी थी कि आतंकियों ने उनके मांग का सिंदूर उजाड़ दिया।
'ऑपरेशन सिंदूर' नाम क्यों चुना?
भारतीय संस्कृति में सिंदूर सिर्फ श्रृंगार नहीं, एक विश्वास, बंधन और जीवनभर के साथ का प्रतीक है। आतंकियों ने सिर्फ जिंदगियां नहीं छीनीं बल्कि उन्होंने उन महिलाओं के भविष्य, सपनों और उम्मीदों को भी रौंद डाला। इस हमले के बाद देशभर में गुस्सा फूट पड़ा। जब-जब इन विधवाओं की तस्वीरें और कहानियां सामने आईं जनमानस का आक्रोश और बढ़ता गया। यही आक्रोश अब जवाब में तब्दील हुआ है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के भारतीय सेना का एक सशक्त संदेश है कि मासूमों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा, और जो भी देश की शांति को ललकारेगा उसे उसकी ही भाषा में जवाब मिलेगा। 'ऑपरेशन सिंदूर' उन वीरांगनाओं के आंसुओं का जवाब है, जिन्होंने आतंकवाद की कीमत पर अपने सुहाग खो दिए।
'ऑपरेशन सिंदूर' नाम किसने रखा?
'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम सुनते ही कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर इतने भावनात्मक नाम का सुझाव किसने दिया। आधिकारिक सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस खास नाम को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुना था।
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पीएम मोदी ने पूरी रात रखी नजर
पीएम मोदी ने न सिर्फ इस ऑपरेशन की योजना और तैयारी पर करीब से नजर रखी, बल्कि इसके नाम पर भी खास ध्यान दिया। उन्होंने इसे 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम इसलिए दिया क्योंकि यह उन महिलाओं के दर्द और बलिदान का प्रतीक है, जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति को खो दिया।
भारतीय सेना ने एक बड़ी और सटीक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में घुसकर आतंकियों के 9 ठिकानों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इस एयरस्ट्राइक में अब तक लश्कर-ए-तैयबा के 70 से ज्यादा आतंकियों और उनके हैंडलरों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।