नई दिल्ली। 20 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) मणिपुर हिंसा (Manipur violence) को लेकर हंगामेदार रहा है। सोमवार का दिन भी कुछ ऐसा ही रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सांसद हंगामा करने लगे। इसके चलते लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे और राज्यसभा की कार्यवाही को पहले 12 बजे फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। दोपहर दो बजे फिर से कार्यवाही शुरू हुई है।
इससे पहले राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, “हम चाहते हैं कि आज दोपहर 2 बजे संसद में मणिपुर पर चर्चा हो। वे (विपक्ष) सदस्यों को दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन वे (विपक्ष) पहले ही सदन के 9 दिन खराब कर चुके हैं।”
दूसरी ओर जल्द ही संसद में सरकार द्वारा दिल्ली सेवा विधेयक पेश किया जा सकता है। ऐसा हुआ तो विपक्षी एकता की परीक्षा होगी। आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने राज्यसभा सदस्यों के लिए व्हिप जारी किया है। आप ने इस विधेयक के खिलाफ अभियान चलाया था। पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं से मिले थे और विधेयक का विरोध करने की अपील की थी। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। आप की कोशिश है कि सभी विपक्षी दल मिलकर इसे राज्यसभा में पास नहीं होने दें। यह विधेयक दिल्ली सरकार के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर फैसला लेने की ताकत को लेकर है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की ताकत दी थी, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा 19 मई को अध्यादेश लेकर इसे पलट दिया गया था। विधेयक पास होता है तो यह अध्यादेश की जगह लेगा।
मणिपुर हिंसा को लेकर हुआ हंगामा
दूसरी ओर संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर जोरदार हंगामा हुआ है। विपक्षी दलों के 21 सांसदों ने शनिवार और रविवार को मणिपुर की यात्रा की। इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने जमीनी स्थिति देखी। विपक्ष द्वारा मांग की जा रही है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा पर बयान जारी करें। विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया है, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है।
लोकसभा में अमित शाह पेश करेंगे दिल्ली सेवा विधेयक
ऐसी जानकारी आई है कि जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पेश करने वाले हैं। यह विधेयक 19 मई के उस अध्यादेश की जगह लेने के लिए है जिसने दिल्ली सरकार से अधिकारियों का नियंत्रण छीन लिया था।
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क्या है दिल्ली सेवा बिल?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली चुनी हुई सरकार को सौंपने का आदेश दिया था। कोर्ट के इस फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल के पास था। इसके एक सप्ताह बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी किया था। दिल्ली सेवा बिल इसी अध्यादेश पर कानून बनाने के लिए पेश किया जा रहा है।