सार
राहुल गांधी ने संसद में बेरोजगारी, सामाजिक तनाव और चीन पर निर्भरता जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा। उन्होंने 'मेक इन इंडिया' की विफलता और अमेरिका से संबंधों पर भी सवाल उठाए, जिससे संसद में हंगामा मच गया।
Parliament Budget Session 2025: लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण लगभग वैसा ही था, जैसा उन्होंने पिछले बार और उससे पहले भी सुना था। उन्होंने इसे सरकार द्वारा गिनाई गई "उपलब्धियों की वही पुरानी सूची" करार दिया।
बेरोजगारी और सामाजिक तनाव पर राहुल गांधी की चेतावनी
राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हम बेरोजगारी की समस्या को हल नहीं कर पाए हैं। न ही यूपीए सरकार और न ही वर्तमान एनडीए सरकार ने युवाओं को रोजगार को लेकर कोई स्पष्ट जवाब दिया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश में सामाजिक तनाव बढ़ रहा है और इसका मुख्य कारण उत्पादन पर ध्यान न देना है। उन्होंने चेताया कि यदि भारत केवल उपभोग (consumption) पर केंद्रित रहेगा और उत्पादन (manufacturing) को नजरअंदाज करता रहेगा तो आर्थिक असमानता और बेरोजगारी की समस्या और गहराएगी।
‘मेक इन इंडिया’ पर तंज – चीन पर बढ़ती निर्भरता पर सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि भारत ने प्रोडक्शन सिस्टम (production system) को संगठित करने में विफलता दिखाई है और इसे चीन के हाथों में सौंप दिया है। उन्होंने कहा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया' की कोशिश की, विचार अच्छा था लेकिन यह स्पष्ट है कि वह इसमें असफल रहे।
उन्होंने कहा कि आज भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले कई उत्पाद, जैसे मोबाइल फोन, कपड़े और जूते, चीन से आयात किए जाते हैं। हर बार जब हम चीनी उत्पादों का उपयोग करते हैं तो हम इनडायरेक्टली चीन को टैक्स दे रहे होते हैं।
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अमेरिका में पीएम मोदी के आमंत्रण को लेकर बड़ा बयान
राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह (coronation) का जिक्र करते हुए विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा: अगर भारत में एक मजबूत उत्पादन प्रणाली होती, तो हमें अपने प्रधानमंत्री के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति से निमंत्रण हासिल करने के लिए अपने विदेश मंत्री को बार-बार वहां नहीं भेजना पड़ता। इस बयान पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई और संसद में हंगामा हो गया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर बेबुनियाद दावे करने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्ष के नेता को ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए।
जातीय जनगणना पर जोर, ओबीसी-दलितों की भागीदारी पर सवाल
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना (Caste Census) की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने हाल ही में जातीय जनगणना करवाई, जिसमें पाया गया कि लगभग 90% आबादी दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों की है।
उन्होंने देश के कॉर्पोरेट सेक्टर पर भी सवाल उठाते हुए कहा: देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट घरानों में से कोई भी ओबीसी, दलित या आदिवासी के स्वामित्व में नहीं है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और जातीय जनगणना का तालमेल
राहुल गांधी ने कहा कि आने वाले समय में बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर्स, ऑप्टिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी चार तकनीकें परिवहन क्षेत्र को बदलने जा रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि AI का उपयोग जातीय जनगणना (Caste Census) के डेटा विश्लेषण में किया जाए, तो इससे एक नई विकासशील संरचना (New Development Paradigm) बनाई जा सकती है।
संविधान को लेकर बड़ा बयान
राहुल गांधी ने अपने संबोधन के अंत में संविधान को लेकर जोर दिया और कहा: भारत पर हमेशा संविधान का शासन रहेगा।
सत्ता पक्ष का जवाब और बढ़ता राजनीतिक तापमान
राहुल गांधी के इन बयानों पर भाजपा सांसदों ने कड़ा ऐतराज जताया। सत्ता पक्ष के नेताओं ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी संसद में गलत और भ्रामक बयान दे रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी से माफी की मांग करते हुए कहा कि उन्हें अपने दावों के लिए प्रमाण देना चाहिए। राजनीतिक गलियारों में इस बयान के बाद चर्चाएं तेज हो गई हैं। भाजपा ने इसे कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति (Divisive Politics) करार दिया है, जबकि कांग्रेस इसे हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए समानता और सामाजिक न्याय की लड़ाई (Social Justice) बता रही है।
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