सार

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में एक पर्यटक की मौत और 12 घायल। TRF ने ली हमले की ज़िम्मेदारी। क्या है इस संगठन का इतिहास और इसके पीछे कौन सी ताकतें हैं?

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ। इसके चलते एक पर्यटक की मौत हो गई और 12 घायल हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी TRF (The Resistance Front) ने ली है।

TRF पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। जनवरी 2023 में केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत इसपर प्रतिबंध लगाया था। 5 अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद यह संगठन सामने आया।

TRF में भर्ती हुए हैं कई आतंकी संगठनों के दहशतगर्द

शुरू में TRF एक ऑनलाइन मंच था। छह महीने से भी कम समय में यह एक ऑफलाइन संगठन बन गया। इस आतंकी संगठन के पीछे मुख्य ताकत लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की है। इसमें लश्कर के साथ ही दूसरे आतंकवादी समूहों के आतंकी भी भर्ती हुए हैं। इस समूह ने जम्मू-कश्मीर में कई भीषण हमलों की जिम्मेदार ली है।

शेख सज्जाद गुल ने की थी TRF की स्थापना

TRF की स्थापना शेख सज्जाद गुल उर्फ शेख सज्जाद ने की थी। सज्जाद का जन्म 10 अक्टूबर 1974 को श्रीनगर में हुआ था। उसे 2022 में भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था। TRF के लिए लश्कर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले फंडिंग चैनल भी काम कर रहे हैं।

टीआरएफ ने किया था गंदेरबल में हमला

2022 के आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में मारे गए 172 आतंकवादियों में से 108 द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़े थे। एक अन्य डेटा से पता चला है कि 100 नए आतंकवादियों में से 74 को टीआरएफ ने भर्ती किया था। टीआरएफ का आखिरी बड़ा हमला गंदेरबल आतंकी हमला था। पिछले साल उत्तरी कश्मीर के एक निर्माण स्थल पर सात लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।