सार
Chenab River: पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि स्थगित करने के बाद पाकिस्तान में चिनाब नदी सूख गई है, जिससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। भारत ने जम्मू में बगलिहार और सलाल बांधों से पानी का बहाव रोक दिया है।
Pahalgam Attack: पाकिस्तान को उसके पापों की सजा मिलनी शुरू हो गई है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित कर दी थी। जमीन पर इसका असर दिखने लगा है। चिनाब नदी सूख गई है। इससे पाकिस्तान के करीब तीन करोड़ लोगों का जीवन बेहाल हो गया है। भारतीय अधिकारियों ने रविवार से पाकिस्तान की ओर बहने वाली चिनाब नदी पर जम्मू के बगलिहार और सलाल जलविद्युत बांधों के माध्यम से पानी का बहाव रोका है। इससे नदी के पानी के स्तर में बड़ी गिरावट आई है। निचले इलाकों में रहने वाले लोग हाल के दिनों में पहली बार पैदल नदी पार कर पा रहे हैं।
TOI की रिपोर्ट के अनुसार बगलिहार बांध के सभी 5 मुख्य गेट और सलाल बांध के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं। बगलिहार से छोड़ा गया पानी आमतौर पर चिनाब के पाकिस्तान में जाने से पहले सलाल में बहता है। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लिए जीवन रेखा के रूप में काम करता है। दोनों बांधों को बंद करने से नदी का पानी रुक गया है।
लोगों ने पैदल चलकर पार की चिनाब नदी
अधिकारियों ने बताया है कि बांधों के गेट पहले गाद और कीचड़ बाहर निकालने के लिए खोले गए था। इसके बाद इन्हें “निरंतर प्रक्रिया” के तहत बंद किया गया है। पानी कम होने से जम्मू के अखनूर में दर्जनों लोगों ने चिनाब नदी पैदल चलकर पार की। स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने ऐसा अनुभव कभी नहीं किया था। 25-30 फीट से पानी का स्तर गिरकर 1.5-2 फीट पहुंच गया। ऐसे में बच्चे नदी के तल से लोगों द्वारा फेंके गए सिक्के जमा करते दिखे। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, "मैंने चिनाब नदी का आधा हिस्सा पैदल पार किया। विश्वास नहीं होता।" अखनूर के विनय गुप्ता ने कहा, "हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान को एक बूंद पानी भी दिया जाए। हम भारत की सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं।"
सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिला था तीन नदी के पानी का अधिकार
कश्मीर मामलों के जानकार लव पुरी ने बताया है कि IWT स्थगित करने के असर तेजी से स्पष्ट होते जा रहे हैं। इससे पता चलता है कि इसके लिए पहले से ही काफी तैयारी की गई थी। सिंधु जल संधि के अनुसार भारत को सिंधु सिस्टम की पूर्वी नदियों सतलुज, ब्यास व रावी और इनकी सहायक नदियों के पानी का उपयोग करने का विशेष अधिकार है। जब तक कि ये पाकिस्तान में प्रवेश न करें। वहीं, पाकिस्तान को "पश्चिमी नदियों" - चिनाब, झेलम और सिंधु के पानी पर अधिकार है।