सार
Operation Sindoor Latest News: भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। 25 मिनट चले इस ऑपरेशन में 100 आतंकी मारे गए। जानिए कौन से थे ये 9 आतंकी अड्डे।
Operation Sindoor Latest Update: मंगलवार 6 मई की देर रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया। सेना द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और POK में स्थित 7 शहरों के 9 आतंकी ठिकानों पर बमबारी की गई, जिसमें 100 आतंकियों के मरने की खबर है। इस पूरे ऑपरेशन को महज 25 मिनट में खत्म किया गया। सेना ने आखिर इन 9 आतंकी ठिकानों को ही क्यों चुना? जानते हैं रात 1 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक की पूरी कहानी।
1- मरकज सुभानअल्लाह, बहावलपुर
बहावलपुर में 2015 से संचालित मरकज़ सुभान अल्लाह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के ट्रेनिंग और स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन का केंद्र था। 14 फरवरी, 2019 को भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से भी इसके तार जुड़े थे। इस मरकज में आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के प्रमुख लोग रहते हैं, जिनमें संस्थापक मौलाना मसूद अजहर, उसका भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर, मौलाना अम्मार और अन्य करीबी परिवार के लोग शामिल हैं। इस जगह का इस्तेमाल भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने और युवाओं को इस्लामिक जिहाद में शामिल होने के लिए एक मंच के के तौर पर किया जाता था।
2- मरकज तैयबा, मुरीदके
साल 2000 में बना मरकज तैयबा लश्कर-ए-तैबा (LeT) का ट्रेनिंग सेंटर है, जो पाकिस्तान के मुरीदके में शेखपुरा के नांगल साहदान में स्थित है। यहां आतंकियों को हथियारों की ट्रेनिंग, फिजिकल कंडीशनिंग और कट्टरपंथ के लिए उकसाया जाता है। यहां से हर साल LeT के लिए आतंकी तैयार किए जाते हैं। ओसामा बिन लादेन ने मरकज तैबा के भीतर एक मस्जिद और गेस्ट हाउस बनाने के लिए 1 करोड़ रुपये दिए थे। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के डायरेक्शन में 26/11 के मुंबई हमलों के आतंकी अजमल कसाब ने भी यहीं ट्रेनिंग ली थी।
3- तेहरा कलां, सरजल
तेहरा कलां सरजल, पाकिस्तान स्थित पंजाब के नारोवाल जिले की शकरगढ़ तहसील में स्थित है। ये जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का प्राइमरी लॉन्चपैड है। आतंकवादी ढांचे को छिपाने के लिए तेहरा कलां में स्थित इस आतंकी परिसर में एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर भी है। ये जगह जम्मू के सांबा सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर है। मोहम्मद अदनान अली और काशिफ जान सहित जैश के प्रमुख गुर्गे अक्सर यहां का दौरा करते हैं। इसकी देखरेख जैश का प्रमुख मुफ़्ती अब्दुल रऊफ़ असगर करता है।
4- मेहमूना जोया, सियालकोट
मेहमूना जोया पाकिस्तान की ISI द्वारा आतंकी गतिविधियों के लिए संचालित किया जाने वाला अड्डा है, जो भुट्टा कोटली सरकारी इमारत के परिसर में स्थित है। यहां से हिजुबल मुजाहिदीन के आतंकियों की घुसपैठ जम्मू क्षेत्र में कराई जाती है। घुसपैठ के अलावा, इस जगह का इस्तेमाल आतंकवादी रणनीति और हथियारों की ट्रेनिंग देने के लिए भी किया जाता है। मोहम्मद इरफान टांडा यहां का कमांडर है। यहां हर वक्त 20 से 25 आतंकवादी बने रहते हैं, जो भारत में आतंकी अभियानों को को-ऑर्डिनेट करते हैं।
5- मरकज अहले हदीस बरनाला, भिम्बर
कोट जामेल रोड के साथ बरनाला शहर के बाहरी इलाके में स्थित मरकज अहले हदीस पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में लश्कर-ए-तैयबा का एक खास आतंकी अड्डा है। यहां से जम्मू-कश्मीर के पुंछ, राजौरी और रियासी क्षेत्रों में लश्कर के आतंकवादियों की घुसपैठ और हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है। ये मरकज भारत में घुसपैठ कराने के साथ ही आतंकवादियों के लिए एक मंच के रूप में काम करता है। कासिम गुज्जर, महरोर, कासिम खंडा और अनस जरार जैसे लश्कर के आतंकी यहां रहते हैं।
6- मरकज अब्बास, कोटली
मरकज अब्बास जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का एक प्रमुख आतंकवादी अड्डा है। इसका नेतृत्व हाफिज अब्दुल शकूर करता है, जिसे कारी ज़र्रार के नाम से भी जाना जाता है। अब्दुल शकूर JeM काउंसिल का 'शूरा मेंबर' है और टॉप कमांडर मुफ़्ती अब्दुल रऊफ़ असगर का करीबी सहयोगी है। कारी ज़र्रार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में सीधे तौर पर शामिल है। कारी जर्रार भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का मोस्टवांटेड है। मरकज अब्बास में 100 से 125 आतंकी रहते हैं। ये अड्डा JeM की आतंकी गतिविधियों की प्लानिंग और उन्हें अंजाम देने के लिए काम करता है।
7- मस्कर राहिल शाहिद, कोटली
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में स्थित मस्कर राहिल शाहिद हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी अड्डा है। यहां 150 से 200 आतंकियों को रखने की क्षमता है। इसका इस्तेमाल हथियारों की ट्रेनिंग, फायरआर्म्स प्रैक्टिस और फिजिकल ट्रेनिंग के लिए किया जाता है। ये आतंकी अड्डा बॉर्डर एक्शन टीम ऑपरेशन, स्नाइपिंग और पहाड़ी इलाकों में युद्ध के लिए आतंकियों को तैयार करने की ट्रेनिंग देता है।
8- शवाई नल्ला कैंप, मुजफ्फराबाद
शवाई नाला कैंप पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के मुजफ्फराबाद में चेलाबंदी पुल के पास स्थित है। इसे बैत-उल-मुजाहिदीन के नाम से भी जाना जाता है। ये लश्कर-ए-तैयबा के सबसे बड़े आतंकी अड्डों में से एक है। मुंबई में 26/11 के हमलों के आतंकी अजमल कसाब ने भी यहीं ट्रेनिंग ली थी। 2000 के दशक की शुरुआत में बने इस आतंकी अड्डे का इस्तेमाल लश्कर के आतंकियों की भर्ती और ट्रेनिंग के लिए किया जाता है। यहां जीपीएस का इस्तेमाल, मैप को समझने, राइफलों और ग्रेनेड की ट्रेनिंग भी दी जाती है। यहां लश्कर-ए-तैयबा के 200 से 250 आतंकी रह सकते हैं।
9- मरकज सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pok) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख ठिकाना है, जो मुजफ्फराबाद में लाल किले के सामने स्थित है। ये जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ कराने के मुख्या लॉन्चपैड है। यहां हर वक्त 50 से 100 आतंकी मौजूद रहते हैं। इसकी इसकी देखरेख मुफ्ती असगर खान कश्मीरी करता है, जो जेईएम के ऑपरेशनल कमांडर और इसके पीओजेके ऑपरेशन का प्रमुख है। पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) के कमांडो इस आतंकी ठिकाने में आतंकवादियों को हथियारों को ट्रेनिंग देता है।