सार
India Pakistan conflict: जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। स्वदेशी हथियारों और तकनीक से भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी।
Operation Sindoor: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसके चलते 26 लोग मारे गए। भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर से इसका बदला लिया। 6-7 मई की रात भारत ने सीमा पार किए बिना पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंक के अड्डों को तबाह किया। पाकिस्तान की सेना ने जवाब में भारत से सैन्य ठिकानों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की। भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सैन्य टकराव चला।
इस टकराव ने साफ बता दिया कि हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होना कितना जरूरी है। भारत ने पाकिस्तानी हमले से खुद के बचाव के लिए और जवाबी हमले के लिए दोनों मामले में बड़े पैमाने पर स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया। आकाश एयर डिफेंस सिस्टम से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल (हवा से जमीन पर मार करने वाला वर्जन) जैसे भारत के अपने हथियारों से पाकिस्तान हार गया।
भारत और पाकिस्तान के बीच हाई-टेक लड़ाई लड़ी गई। दोनों ओर से बड़े पैमाने पर ड्रोन इस्तेमाल किया गया। इस दौरान भारत ने पूरी दुनिया को बताया कि ड्रोन वारफेयर, लेयर्ड एयर डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर में भारत कितना आगे बढ़ चुका है। भारत ने पाकिस्तानी हमलों से बचाव और जवाबी वार करने में इनका खूब इस्तेमाल किया।
भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने किस तरह किया काम
7-8 मई 2025 की रात को पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलौदी, उत्तरलाई और भुज सहित उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। इसे इंटीग्रेटेड काउंटर यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम्स ने विफल कर दिया। इसके जवाब में 8 मई की सुबह भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में कई जगह लगाए गए एयर डिफेंस रडार और सिस्टम्स को निशाना बनाया। लाहौर में लगाए गए एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर में पिछोरा, OSA-AK और LLAD गन ने शानदार प्रदर्शन किया। स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को गिराया। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम्स ने सेना, नौसेना और वायु सेना की संपत्तियों को मिलाकर असाधारण तालमेल के साथ काम किया। सभी ने मिलकर ऐसी दीवार बनाई जिसे पाकिस्तान भेद न सका। इंडियन एयर फोर्स के IACS (Integrated Air Command and Control System) ने सभी को साथ लाया।
पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर भारत ने किए सटीक हमले
भारत ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेसों नूर खान और रहीमयार खान पर सटीक हमला किया। सुसाइड ड्रोन से पाकिस्तान के रडार और मिसाइल सिस्टम सहित हाई वैल्यू टारगेट को खोजकर नष्ट किया गया। पाकिस्तान इन हमलों को रोक नहीं सका। भारत को इस दौरान कोई नुकसान नहीं हुआ। लंबी दूरी के ड्रोन से लेकर गाइडेड हथियारों तक आधुनिक स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल ने इन हमलों को बहुत प्रभावी बनाया। चीन से लिए गए एयर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान की रक्षा नहीं कर सके। इंडियन एयर फोर्स ने उन्हें जाम कर दिया। भारत ने बता दिया कि तकनीक के मामले में पाकिस्तान उसके आसपास भी नहीं है। चीन के हथियार भी भारत के सामने बेकार हैं।
पाकिस्तान के इन हथियारों के नष्ट होने के मिले सबूत
- चीनी PL-15 मिसाइल
- तुर्की के UAVs (Yiha और YEEHAW)
- लंबी दूरी के रॉकेट, क्वाडकॉप्टर और ड्रोन
ऑपरेशन सिंदूर में इसरो ने भी किया सहयोग
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बड़ा सहयोग किया। इसरो के सैटेलाइट से आतंक के अड्डों की निगरानी की गई। हमला करने के दौरान भी उपग्रहों से मिली जानकारी का इस्तेमाल किया गया। 11 मई को इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने बताया था कि देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के रणनीतिक उद्देश्य से कम से कम 10 उपग्रह लगातार चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। इन उपग्रहों की मदद से 7,000 किलोमीटर लंबी समुद्री तट की निगरानी की जा रही है। पूरे उत्तरी भाग पर लगातार नजर रखी जा रही है।
24,000 करोड़ रुपए के हथियार भारत ने किए निर्यात
भारत की गिनती हथियारों के सबसे बड़े आयातक देशों में होती है। पिछले कुछ वर्षों में भारत रक्षा क्षेत्र में अपनी पहचान बदल रहा है। भारत अत्याधुनिक हथियारों को निर्यात करने वाले देश के रूप में अपनी इमेज मजबूत कर रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने करीब 24 हजार करोड़ रुपए के हथियार निर्यात किए। 2029 तक हथियारों का निर्यात 50 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
भारत ने “मेक इन इंडिया” और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत मजबूत प्रयास किया है। इससे आज भारत दुनिया में हथियारों के निर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में स्वदेशी रक्षा उत्पादन रिकॉर्ड 1.27 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।