सार

Operation Sindoor Sarjal launching pad: भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। जानिए सरजाल लॉन्च पैड और जैश-ए-मोहम्मद के कनेक्शन के बारे में।

Operation Sindoor: भारत की सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और PoK में मौजूद आतंक के अड्डों को तबाह किया है। इनमें कई लॉन्च पैड हैं। इनका इस्तेमाल आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने में होता था। एक ऐसा ही लॉन्च पैड है सरजाल या तेहरा कलां फैसिलिटी। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का यह लॉन्च पैड पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले के शकरगढ़ में स्थित है।

तेहरा कलां JeM की जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए मुख्य लॉन्चिंग साइट है। यह लॉन्च पैड एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर के अंदर है। पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आईबी (अंतरराष्ट्रीय सीमा) और LoC के पास अस्पताल जैसे सरकारी भवनों में लॉन्च पैड बनवाए हैं। जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के कई लॉन्च पैड हॉस्पिटल में बनाए गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय सीमा से 6 km दूर है सरजाल लॉन्च पैड

सरजाल लॉन्च पैड जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 6km दूर है। यह आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए सीमा पार सुरंगों की खुदाई के लिए बेस है। ISI और जैश-ए-मोहम्मद ने शकरगढ़ क्षेत्र में जमीन के नीचे सुरंगों का नेटवर्क विकसित किया है। इसका इस्तेमाल भारत में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की घुसपैठ के लिए किया जाता है।

ड्रोन के लिए लॉन्चिंग बेस है सरजाल लॉन्च पैड

सरजाल लॉन्च पैड का इस्तेमाल ड्रोन के लिए लॉन्चिंग बेस के रूप में भी होता है। ड्रोन की मदद से हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थ भारतीय क्षेत्र में गिराए जाते हैं। ये भारत में मौजूद आतंकियों तक पहुंचते हैं। सरजाल लॉन्च पैड में एक कंट्रोल रूम भी है। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल-मुजाहिदीन के आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे एचएफ रेडियो रिसीवर और अन्य संचार सुविधाएं थीं। इससे जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को एन्क्रिप्टेड मोड के माध्यम से मैसेज भेजे जा रहे थे।

सरजाल लॉन्च पैड के पास एक मंजिला इमारतें हैं। इनमें पहले इंट्री गेट के पास 6/7 कमरे हैं। इनका इस्तेमाल PHC के डॉक्टरों और कर्मचारियों द्वारा लोगों के इलाज के लिए किया जाता है। पार्किंग और हॉल के पास के दो क्वार्टरों का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद द्वारा अपने ऑपरेशनल कमांडरों और कैडरों के लिए किया जा रहा है। भारत में घुसपैठ के प्रयासों और घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए आमतौर पर 20-25 जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी यहां तैनात रहते हैं।

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जैश का आतंकवादी कमांडर मोहम्मद अदनान अली उर्फ डॉक्टर और काशिफ जान नियमित रूप से यहां आता है। जैश का प्रमुख मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर इस ठिकाने पर स्थित जैश के गुर्गों के माध्यम से जैश के संचालन की निगरानी करता है।

सरजाल लॉन्च पैड से आए थे पठानकोट एयर बेस पर हमला करने वाले आतंकी

मई 2014 में ISI के कहने पर अदनान ने थाईलैंड के माई-सोट में खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के रमनदीप सिंह उर्फ ​​गोल्डी को पैरा-ग्लाइडर की ट्रेनिंग दी थी। अली जान उर्फ ​​काशिफ जान जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य संचालक और साजिशकर्ता था, जिसने 2016 में पठानकोट एयर बेस पर आतंकी हमले की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। काशिफ जान ने पठानकोट आतंकी हमले के दौरान लगातार फोन पर आतंकवादियों को गाइड किया। वह हमले को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों को प्रेरित और गाइड करता रहा।

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2023 में मारा गया शाहिद लतीफ जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चिंग कमांडर था। उसने 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला करने के लिए आतंकवादियों को लॉन्च किया था। वह सरजाल लॉन्चिंग पैड से भी काम करता था।