सार
Operation Sindoor: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओजेके में गहरे स्ट्राइक कर 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए। पाक वायुसेना को बड़ा नुकसान, 50 से अधिक मारे गए। भारत ने दुनिया को दिखाया कि अब आतंक का जवाब सीमा पार तक मिलेगा।
Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में गहराई तक घुसकर आतंकी ढांचे पर तबाही मचा दी है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने 9 बड़े आतंकी लॉन्च पैड और पाकिस्तान वायुसेना के 11 ठिकानों को निशाना बनाया जिससे पाकिस्तानी सैन्य तंत्र की नींव हिल गई है।
9 आतंकी अड्डे नेस्तनाबूद
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जिन ठिकानों को हाई वैल्यू टारगेट बताया था, वे LeT, JeM और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के लॉन्चपैड थे। ये ठिकाने हमलों की योजना, ट्रेनिंग और हथियारों की तस्करी का केंद्र थे।
पाकिस्तान के अंदर गहराई तक स्ट्राइक
इस बार भारत ने सिर्फ PoJK नहीं, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत तक स्ट्राइक की। बहावलपुर जैसे इलाकों में हमले हुए जहां अब तक सिर्फ अमेरिकी ड्रोन ही झांक सके थे। भारत ने साफ संदेश दे दिया कि आतंक जहां से भी उठेगा, वहां मारा जाएगा – चाहे वह पाकिस्तान के भीतर हो या सीमा पर।
'रेड लाइन' खींची
भारत ने पहली बार स्पष्ट किया कि आतंकवाद अब राज्य नीति बना तो उसके जवाब में सीधा और खुला प्रहार होगा। इस बदलाव को नया सिद्धांत कहा जा रहा है-जहां आतंकियों और उनके संरक्षकों को एक ही श्रेणी में देखा जाएगा।
पाक एयर डिफेंस सिस्टम हुआ बेपर्दा
23 मिनट की स्ट्राइक विंडो में भारतीय राफेल विमानों ने स्काल्प (SCALP) मिसाइल और हैमर (HAMMER) बम से हमले किए। पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली को जाम या चकमा देकर भारतीय विमानों ने बिना नुकसान लौटकर टेक्नोलॉजी और रणनीतिक बढ़त को साबित किया।
11 वायुसेना ठिकानों पर हमला, 20% ढांचा नष्ट
नूर खान, सियालकोट, सर्गोधा, जैकबाबाद जैसे 11 एयरबेस पर हमले में पाकिस्तान एयरफोर्स की 20% क्षमता नष्ट हो गई। 50 से अधिक सैनिकों की मौत हुई जिनमें स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ भी शामिल थे।
तीनों सेनाओं का तालमेल
सेना, वायुसेना और नौसेना – तीनों ने मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दिया। यह भारत की संयुक्त युद्धक क्षमता का उदाहरण है जो भविष्य में रणनीतिक बढ़त को परिभाषित करेगा। भारत ने दिखा दिया कि अब आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए किसी से अनुमति नहीं ली जाएगी। कई वैश्विक नेताओं ने इस ऑपरेशन के बाद भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।