भुवनेश्वर नगर निगम के अपर आयुक्त रत्नाकर साहू पर कुछ लोगों ने बेरहमी से हमला किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना की निंदा की है और कार्रवाई की मांग की है।
Odisha crime: ओडिशा में एक सीनियर सरकारी अधिकारी की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ है। घटना BMC (Bhubaneswar Municipal Corporation) ऑफिस में हुई। यहां कुछ लोगों ने अपर आयुक्त रत्नाकर साहू को घसीटा, बेरहमी से मारा।
घटना सोमवार को लोक शिकायत निवारण बैठक आयोजित करने के दौरान नगर निगम कार्यालय के अंदर घटी। वीडियो में देखा जा सकता है कुछ युवक साहू को घसीटकर बाहर लाते हैं। इस दौरान उनके सिर पर थप्पड़ और घूसों की बरसात की जाती है।
अपर आयुक्त रत्नाकर साहू को जमीन पर घसीटा, लात-घूसे मारे
धक्का-मुक्की के दौरान साहू जमीन पर गिर जाते हैं। उस समय एक व्यक्ति कॉलर पकड़कर उन्हें घसीटता है। तभी पीला शर्ट पहने एक बदमाश ने उनके नाक पर पूरी ताकत से लात मारी। उसके साथ मौजूद लोग भी अधिकारी को लात मार रहे थे। साहू को घसीटकर ऑफिस के बाहर ले जाया गया। इस दौरान उन्हें बेरहमी से मारा गया।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, छह युवक साहू के चैंबर में घुस आए और हमला कर दिया। घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए साहू ने कहा, "हमलावर मेरे लिए अजनबी हैं। मैं इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दूंगा और जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।" हमले के बाद बीएमसी कर्मचारियों ने धरना दिया और पूरे दिन कामकाज ठप रखा। मांग की कि दोषियों को जेल में डाला जाए।
पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने जताया दुख
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सीनियर अधिकारी की पिटाई का वीडियो X पर शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी से कार्रवाई की मांग की है। कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है।
पटनायक ने X पर लिखा, "मैं यह वीडियो देखकर स्तब्ध हूं। बीएमसी के ओएएस अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू अतिरिक्त सचिव स्तर के सीनियर अधिकारी हैं। उनके ऑफिस में घसीटा गया। एक भाजपा पार्षद के सामने उनपर बेरहमी से लात-घूंसों से हमला किया गया। ये लोग कथित तौर पर एक हारे हुए भाजपा विधायक उम्मीदवार से जुड़े हैं। मैं सीएम मोहन चरण मांझी से उन लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग करता हूं, जिन्होंने इस शर्मनाक हमले को अंजाम दिया। उन नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने इस हमले की साजिश रची। अधिकारी ने अपनी एफआईआर में जिन लोगों का नाम लिया है, उन्होंने अपराधियों की तरह व्यवहार किया है। अगर एक सीनियर अधिकारी अपने ही ऑफिस में सुरक्षित नहीं है तो आम नागरिक सरकार से किस तरह की कानून-व्यवस्था की उम्मीद कर सकते हैं।"