New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ में 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 25 लोग घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, मृतकों में 14 महिलाएं शामिल हैं। इस भयावह घटना में न जाने कितने परिवारों ने अपने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया तो किसी बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया, तो किसी महिला का सुहाग उजड़ गया।इसी भगदड़ में एक बेबस पिता ने अपनी मासूम बेटी को अपनी आंखों के सामने दम तोड़ते देखा। इस हादसे में जिन लोगों ने अपनों को खो दिया उनके लिए यह जीवनभर न भूलने वाला जख्म बन गया है।

भगदड़ में पिता के सामने चली गई बेटी की जान

NDTV से बात करते हुए ओपिल सिंह ने बताया कि उनके पास कन्फर्म टिकट था और वे अपने परिवार के साथ महाकुंभ जा रहे थे। भारी भीड़ को देखते हुए उन्होंने वापस घर लौटने का फैसला किया। उन्होंने बताया, "हम प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर उतरे लेकिन भीड़ देखकर वापस आने लगे। मैंने कहा, 'बहुत ज्यादा भीड़ है, चलो घर लौट चलते हैं। हमें बच्चों को साथ नहीं ले जाना चाहिए, छोटे बच्चों के साथ क्या करेंगे? उनके पास सोने के लिए कुछ भी नहीं है।"

कंपकंपाते हुए होंठ से पिता ने सुनाया दर्दनाक मंजर

 उत्तर प्रदेश के उन्नाव के रहने वाले ओपिल सिंह ने बताया कि हम सीढ़ी से ऊपर जा रहे थे तभी मेरी बेटी बीच में फंस गई मेरी बेटी बीच में फंस गई। तभी करीब 5,000-6,000 लोग ऊपर से नीचे आने लगे। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। एक कील मेरी बेटी के सिर में घुस गई।" वह यह पूरी घटना सिप पर उंगली रखकर बता रहे थे क्योंकि यह घटना बताते वक्त उनके होंठ थरथरा रहे थे और उनके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे। 

यह भी पढ़ें: नई दिल्ली भगदड़: बरसों औलाद को तरसे दंपत्ति ने जिस बच्चे को लिया गोद, हादसे में बुझ गया वही चिराग

 ‘10 लाख से मेरी बेटी तो वापस नहीं आ सकती’

ओपील सिंह ने आंसू पोछते हुए बताया कि मेरी बेटी बहुत अच्छी थी। फिर उन्होंने अपनी जेब से मोबाइल निलाका और बेटी की तस्वीर दिखाई। उन्होंने बताया कि वह दिल्ली में मजदूरी करते हैं। उन्होंने इस दर्दनाक घटना को याद करते हुए कहा,"बेटी जब मिली तो कोई एंबुलेंस नहीं थी, हम ऑटो में लेके भागे। दो कुली थे, उन्होंने 100-100 रुपये मदद की, लेकिन किसी ने मेरी जेब से मोबाइल, पैसे सब निकाल लिए।"अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने बेटी को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि अगर आप थोड़ी देर पहले आए होते तो शायद आपकी बेटी की जान बच जाती। रेलवे ने हादसे में जान गंवाने वाले परिवार के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। इस पर ओपिल सिंह ने गहरी मायूसी और उदासी के साथ कहा कि 10 लाख से मेरी बेटी तो वापस नहीं आ सकती।