सार
पीएम मोदी 6 अप्रैल को पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) का उद्घाटन करेंगे। यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है। 2.08 km लंबा यह पुल तमिलनाडु के रामनाथपुरम और रामेश्वरम द्वीप को जोड़ेगा। जानिए इसकी सुरक्षा और खासियतें।
Pamban Bridge Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) का उद्घाटन करेंगे। हिंद महासागर में बना यह पुल इंजीनियरिंग का चमत्कार है।
ETNOW की रिपोर्ट के अनुसार RVNL (Rail Vikas Nigam Limited) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप गौर बताया है कि पंबन ब्रिज का डिजाइन एडवांस है। इसे आधुनिक मानकों पर तैयार किया गया है। पुल का डिजाइन इस तरह का है कि यह पर्यावरण द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर सके।
कितना सुरक्षित है पंबन ब्रिज?
CRS (Commissioner of Railway Safety) से मंजूरी मिलने के बाद पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया जा रहा है। रेलवे के सीनियर अधिकारियों ने इसकी सुरक्षा की जांच की है। पंबन ब्रिज तैयार करने में हाई ग्रेड स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया है। इससे पुल को जंग नहीं लगेगा। समुद्र के खारा पानी और नम वातावरण होने के चलते पुल में जंग लगने का डर रहता है।
पंबन ब्रिज जिस इलाके में है वहां चक्रवाती तूफाने आते रहे हैं। इसे देखते हुए पुल को इतना मजबूत बनाया गया है कि यह चक्रवाती तूफानों का सामना कर सके। भूकंप आने पर भी यह पुल टिका रहेगा। पुल के डिजाइन के दौरान चक्रवाती तूफानों और भूकंप को लेकर संवेदनशीलता को ध्यान में रखा गया था।
कितना वजन उठा सकता है Pamban Bridge?
नया Pamban Bridge काफी भारी वजन संभालने के लिए बनाया गया है। इसे 25-25 टन एक्सल लोड के लिए डिजाइन किया गया है। इसपर से यात्री ट्रेन और मालगाड़ियों को चलाया जाएगा। यह माल और सेवाओं के सुचारू परिवहन की सुविधा देगा। इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह सुविधा व्यापार बढ़ाएगी, रसद लागत कम करेगी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी।
Pamban Bridge पर कितनी रफ्तार से दौड़ सकती है ट्रेन
Pamban Bridge पर से ट्रेन 160 kmph की रफ्तार से दौड़ सकती है। हालांकि, सिग्नल संबंधी बाधाओं और रास्ते के घुमाव के चलते ट्रेन की स्पीड 98 किमी/घंटा तक ही रहेगी।
पंबन ब्रिज बनाने में कितना हुआ है खर्च
पंबन ब्रिज तमिलनाडु में बना है। इसे तैयार करने में 535 करोड़ रुपए लागत आई है। नए पंबन रेलवे सी ब्रिज को भारत का पहला वर्टिकल-लिफ्ट रेलवे ब्रिज कहा जा रहा है। इस पुल का निर्माण 110 साल से भी पुराने पंबन पुल की जगह किया गया है। यह 1960 के दशक में आए ऐतिहासिक चक्रवात से बच गया था।
2.08 किमी है नए पंबन ब्रिज की लंबाई
2.08 किलोमीटर लंबा नया पंबन ब्रिज मुख्य भूमि रामनाथपुरम और रामेश्वरम द्वीप (श्रीलंका से केवल कुछ समुद्री मील की दूरी पर) को जोड़ेगा। इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है। वर्टिकल लिफ्ट पुल के स्पैन को 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है। इससे पुल के नीचे से आसानी से जहाज निकल पाएंगे। जहाज निकालने के लिए स्पैन उठाया जाएगा। ट्रेन आने से पहले इसे गिरा दिया जाएगा।
पुल को हाई ग्रेड के प्रोटेक्टिव पेंट से रंगा गया है। इसके सभी जोड़ों को वेल्ड किया गया है। इससे पुल अधिक स्थायी और कम रखरखाव जरूरत वाला बना है। भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए इसपर दोहरी रेल पटरियां लगाई गईं हैं। जंग लगने से बचाने के लिए इसपर पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग लगाया गया है। इसके चलते कठोर समुद्री वातावरण के बाद भी यह लंबे समय तक टिका रहेगा।