नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह अमेरिका की यात्रा करेंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ उनकी बातचीत होगी। इससे पहले गुरुवार को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से फोन पर बात की। इस दौरान भारत और अमेरिका ने “महत्वाकांक्षी” रक्षा सहयोग एजेंडा तैयार करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों देश परिचालन, खुफिया, रसद और डिफेंस-इंडस्ट्रियल सहयोग बढ़ाएंगे।

राजनाथ सिंह और पीट हेगसेथ ने जमीन, हवा, समुद्र और अंतरिक्ष में कई क्षेत्रों को कवर करने वाली व्यापक भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की। द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। टेक्नोलॉजी कोऑपरेशन, डिफेंस इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन के एकीकरण, अंतर-संचालन क्षमता बढ़ाने, रसद और जानकारी शेयर करने और संयुक्त सैन्य अभ्यास पर मिलकर काम करने का फैसला किया।"

 

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दोनों नेता, "सरकारों, स्टार्ट-अप, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच डिफेंस इनोवेशन कोऑपरेशन बढ़ाने पर भी सहमत हुए। भारत और अमेरिका ने 2025-2035 की अवधि के लिए द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए मसौदा तैयार करने पर सहमति हुए।"

भारत को अधिक हथियार बेचना चाहती है अमेरिकी सरकार

बता दें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार भारत को अधिक अमेरिकी हथियार बेचने की कोशिश में है। ट्रंप द्वारा लड़ाकू विमान और बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों से लेकर फाइटर जेट इंजन, मिसाइल और टोही विमान खरीदने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

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भारत ने अमेरिका से खरीदे हैं 2.18 लाख करोड़ रुपए के हथियार

2007 से अमेरिका ने 25 बिलियन डॉलर (2.18 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा के भारतीय रक्षा सौदे हासिल किए हैं। भारत ने पिछले अक्टूबर में अमेरिकी सरकार के साथ 31 हथियारबंद MQ-9B 'प्रिडेटर' ड्रोन खरीदने के लिए 3.3 बिलियन डॉलर (28905 करोड़ रुपए) का सौदा किया था।