सार
Caste Census: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बहुत बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट समिति की बैठक में तय किया गया है कि अगली राष्ट्रीय जनगणना के समय जाति जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को यह घोषणा की।
अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है। विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ब्लॉक की पार्टियों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने जाति आधारित जनसंख्या गणना का इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए किया है।
कांग्रेस सरकार ने हमेशा किया जाति गणना का विरोध
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कांग्रेस सरकार ने हमेशा जाति गणना का विरोध किया है। आजादी के बाद हुए सभी जनगणना में जाति गणना शामिल नहीं की गई। 2010 में दिवंगत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा को आश्वासन दिया कि जाति गणना के मामले पर कैबिनेट की बैठक में विचार किया जाएगा। इस विषय पर मंत्रियों का समूह बनाया गया। अधिकतर राजनीतिक दलों ने जाति गणना की सिफारिश की। इसके बाद भी कांग्रेस सरकार ने जाति गणना कराने की जगह सिर्फ जाति सर्वे कराने का फैसला किया।"
कांग्रेस ने पोलिटिकल टूल की तरह किया जाति गणना का इस्तेमाल
वैष्णव ने कहा, “कांग्रेस और उसके INDIA ब्लॉक की साथी पार्टियों ने जाति गणना को सिर्फ पोलिटिकल टूल की तरह इस्तेमाल किया। भारत के संविधान के अनुसार जनगणना कराना केंद्र सरकार का काम है। कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वे किए हैं। कुछ राज्यों ने यह काम अच्छी तरह से किया, जबकि कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वे किए हैं। इससे समाज में भ्रम की स्थिति पैदा हुई।”
उन्होंने कहा, “इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना बाना न बिगड़े जनगणना में सर्वे की जगह जाति गणना कराने का फैसला लिया गया है। यह पारदर्शी तरीके से होगा। यह हमारे समाज को आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से मजबूत करेगा। देश लगातार प्रगति करेगा। आज 30 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजनैतिक विषयों की कैबिनेट समिति ने यह निर्णय लिया है कि जातियों की गणना को आने वाली जनगणना में सम्मिलित किया जाए।”
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए अन्य फैसले
- केंद्र सरकार ने हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) पर मेघालय के मावलिंग्खुंग (शिलांग के पास) से असम के पंचग्राम (सिलचर के पास) तक 166.80 किलोमीटर (NH-6) के ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर के विकास को मंजूरी दी है। इसे तैयार करने में 22,864 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का FRP (Fair and Remunerative Price) 10.25 प्रतिशत की मूल वसूली दर के लिए 355 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। 10.25 प्रतिशत से अधिक वसूली में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के लिए 3.46 रुपए प्रति क्विंटल का प्रीमियम मिलेगा। वसूली में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की कमी के लिए FRP में 3.46 रुपए प्रति क्विंटल की कमी की जाएगी।